सी सेक्शन डिलीवरी के बाद महिलाओं को खास ख्याल रखने की जरुरत होती है। क्योंकि नॉर्मल डिलीवरी के मुकाबले सी सेक्शन के बाद महिलाओं को रिकवर होने में अधिक समय लगता है। सी सेक्शन डिलीवरी के बाद महिलाओं को कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उठने बैठने में दिक्कत होती है।
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इसलिए अच्छा खान पान और आराम से महिलाएं रिकवर कर पाती है। सी सेक्शन डिलीवरी के बाद टांके न पके या इसमें खुजली या जलन न हो इसलिए खानपान में खास ध्यान देने की जरुरत होती है। ऐसे में महिलाओं को खिचड़ी,दलिया और उपमा जैसी चीजें खिलाई जाती हैं।
ताकि ऑपरेशन के टांको में किसी तरह की दिक्कत न हो। सी सेक्शन डिलीवरी के बाद महिलाओं कोखट्टी चीजें खासकर दही खाने के लिए मना किया जाता है। घर की बुजुर्गों दादी नानी का मानना होता है कि सी सेक्शन डिलीवरी के बाद महिलाएं अगर दही खाती है तो उनके टांकों पर असर पड़ता है। टांकों को पकने का डर रहता है।
गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर तान्या गुप्ता ने हालही में सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद दही खाना चाहिए या नहीं इसकी जानकारी का वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। डॉ. तान्या का कहना है कि सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद दही खाना बिल्कुल सुरक्षित है। दही खाने से ऑपरेशन के दौरान लगाए गए टांके पर किसी तरह का असर नहीं पड़ता है और यह उन्हें पकाता नहीं है।
डॉ. तान्या की मानें तो सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद दही, छाछ और खट्टी चीजों का सेवन करने से पाचन क्रिया ठीक होती है और यह पेट की गर्मी को कम करता है। दरअसल, सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद महिलाओं को रिकवर होने के लिए कई तरह की एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं। ज्यादा मात्रा में दवाओं का सेवन करने की वजह से पेट में गर्मी पैदा होने लगती है।
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इस गर्मी को शांत करने में दही और खट्टे फल बहुत फायदेमंद होते हैं। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं यह गट में गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देकर पाचन से जुड़ी परेशानियों से बचाते हैं। इतना ही नहीं सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद दही खाने से पेट की परत को ठंडक मिलती है। यह टांकों को तेजी से भरने में मदद करता है।