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यूपी का अगला डीजीपी कौन? काउंटडाउन शुरू…ये नाम चल रहे हैं रेस में आगे

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वर्तमान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी 30 जून को सेवानिवृ​त्त हो रहे हैं। सरकार उन्हें विस्तार देती है या प्रदेश को नया डीजीपी मिलेगा, इसको लेकर पुलिस मुख्यालय से लेकर सत्ता के गलियारों तक चर्चाएं गरम हैं।   सियासी ​गलियारों में नए डीजीपी के नाम पर कयास लगने शुरू हो गए हैं। यूपी में डीजीपी की कुर्सी का हकदार कौन बनेगा? इसका खुलासा 30 जून को ही होगा। सरकार वरिष्ठता को प्राथमिकता देती है या दूसरे समीकरणों को यह आने वाला समय ही बताएगा।

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नासिर कमाल

वरिष्ठता के लिहाज से दावेदारों की सूची में सबसे पहला नाम वर्ष 1986 बैच के आईपीएस अफसर नासिर कमाल का नाम है। नासिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और वर्तमान में डीजी एलएनजेएन, एनआईसीएफएस के पद पर तैनात हैं। इनका रिटायरमेंट जुलाई 2022 में है। हालांकि चुनावी साल में डीजीपी की कुर्सी को लेकर यह सरकार की पसंद होंगे इस पर संशय है।

मुकुल गोयल

दावेदारों की सूची में दूसरा नाम वर्ष 1987 बैच के अफसर मुकुल गोयल का है। मुकुल गोयल भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और वर्तमान में एडीजी बीएसएफ के पद पर तैनात हैं। सपा सरकार में एडीजी एलओ के पद पर रहे मुकुल का नाम दावेदारों में सबसे ऊपर चल रहा है। इनका रिटायरमेंट फरवरी 2024 में होना है। वेस्ट यूपी के रहने वाले मुकुल गोयल के पक्ष में हवा काफी मजबूत है। लेकिन सपा सरकार में अहम तैनाती पर रहना इनके लिए माइनस पॉइंट भी माना जा रहा है। हाल ही में इनका केंद्र में डीजी के लिए इम्पैनलमेंट होना था लेकिन इनके बजाए केंद्र सरकार ने वर्ष 1988 बैच के अनिल अग्रवाल को प्राथमिकता दी।

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आरपी सिंह

तीसरा नाम डीजी ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) और एसआईटी के पद पर तैनात वर्ष 1987 बैच के अफसर आरपी सिंह का है। बीते दो सालों के दौरान ईओडब्ल्यू और एसआईटी की कई अहम जांचों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करके चर्चा में आए आरपी सिंह इस कुर्सी के अहम दावेदारों में से एक हैं। इनकी तैनाती से पहले ये दोनों ही इकाइयां लगभग निष्क्रिय पड़ी हुई थीं और जांचें लंबे समय से अटकी हुई थीं। पावर कॉरपोरेशन, पीएफ घोटाला, बाइक बोट घोटाला, सहकारिता भर्ती घोटाला, मदरसों में फर्जीवाड़ा जैसी जांचों में इनकी तेज कार्यवाही नजीर बनी। आरपी सिंह का फरवरी 2023 में रिटायरमेंट है।

विश्वजीत महापात्रा

चौथा नाम वर्ष 1987 बैच के ही विश्वजीत महापात्रा का है। हाल ही में सीएम की नाराजगी के चलते इन्हें डीजी सीबी सीआईडी के पद से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। सरकार बनने के बाद इन्हें वीवीआईपी वाराणसी जोन का एडीजी बनाया गया था। लेकिन वर्तमान में सीएम की नाराजगी के चलते इनकी दावेदारी काफी कमजोर मानी जा रही है। जुलाई 2022 में इनका रिटायरमेंट है।

गोपाल लाल मीणा

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पांचवां नाम इसी बैच के गोपाल लाल मीणा का है। वर्तमान में यह डीजी राज्य मानवाधिकार आयोग के पद पर तैनात हैं और जनवरी 2023 में इनका रिटायरमेंट है लेकिन इनको भी सीएम की नाराजगी के बाद डीजी होमगार्ड के पद से हटाया गया था। इनके कार्यकाल में होमगार्ड में ड्यूटी के नाम पर फर्जीवाड़ा घोटाला सामने आया था। जिसके बाद इन्हें हटाया गया था इसलिए इनकी दावेदारी को लेकर भी संशय बना हुआ है।

आरके विश्वकर्मा

दावेदारों में छठे नंबर पर डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा का नाम है। वर्ष 1988 बैच के आरके विश्वकर्मा का मई 2023 में रिटायरमेंट है। तेजतर्रार और टेकसेवी अफसरों में इनकी गिनती की जाती है। 112 यूपी प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने में इनकी भी अहम भूमिका रही है। सरकार की जातीय समीकरण की राजनीति के लिहाज से भी इनकी दावेदारी टॉप 5 अफसरों में आती है।

डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान

दावेदारों में सातवें नंबर पर इसी बैच के अफसर डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान हैं। वर्तमान में डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं। इनका रिटायरमेंट मार्च 2023 में होना है। सरकार अगर वरिष्ठता को अनदेखा करती है तो टॉप फाइव दावेदारों में इनका भी नंबर है।

अनिल कुमार अग्रवाल

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आठवें नंबर पर वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अनिल कुमार अग्रवाल की दावेदारी है। वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और मिनिस्ट्री आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में तैनात हैं। हाल ही में इनका सचिव स्तर पर केंद्र में इम्पैनलमेंट हुआ है। सपा सरकार में इनकी ही देख रेख में 112 यूपी प्रॉजेक्ट जमीन पर आया। लंबे समय तक वह एडीजी डायल 100 के पद पर रहे। अप्रैल 2023 में इनका रिटायरमेंट है।

आनंद कुमार

दावेदारों में आखिरी नंबर पर नाम है डीजी जेल आनंद कुमार का। वर्ष 1988 बैच के आईपीएस आनंद अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे। दावेदारों में सबसे ज्यादा समय इनके पास ही है। कई मामलों के लिए बदनाम यूपी की जेलों को सुधारने में बड़े पैमाने पर काम किया है। वर्तमान सरकार में लंबे समय तक एडीजी कानून एवं व्यवस्था के पद पर रहते हुए कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने में इनकी अहम भूमिका रही। दावेदारों में टॉप फाइव में इनकी चर्चा है।

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