Surya Sankranti 2025 : 15 जून को सूर्य संक्रांति हैं। इस काल में सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते है। सूर्य देव मिथुन राशि में गोचर करेंगे और 16 जुलाई तक यहां रहेंगे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य की संक्रांति के पुण्यकाल के दौरान पवित्र नदियों में स्नान और दान का बड़ा ही महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
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सूर्य देव के मिथुन राशि में प्रवेश करने पर, समृद्धि पाने के लिए कुछ विशेष काम किए जा सकते हैं। इनमें अन्न, जल और तांबे का दान करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, सूर्य देव की पूजा करना और सूर्य मंत्रों का जाप करना भी फलदायी होता है।
सूर्य का नेत्र, कलेजा, मेरुदंड आदि पर विशेष प्रभाव पड़ता है इससे शारीरिक रोग, सिरदर्द, अपचन, क्षय, महाज्वर, अतिसार, नेत्र विकार, उदासीनता, खेद, अपमान एवं कलह आदि का विचार किया जाता है।
त्रिग्रही योग
सूर्य 15 जून को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, जहां पहले से ही गुरु विराजमान हैं।
सूर्य, बुध और गुरु की युति से त्रिग्रही योग बनेगा, जिसे ज्योतिष में शुभ माना जाता है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए यह गोचर आत्मविश्वास, ऊर्जा और व्यक्तित्व में वृद्धि लाएगा।
यह समय करियर और व्यवसाय के लिए शुभ रहेगा, नए अवसर मिलेंगे और पहचान मिलेगी।
रिश्तों में मजबूती आएगी और नई चीजें शुरू करने का यह एक अच्छा समय है।
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‘आदित्य हृदय स्तोत्र’
आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ करना अच्छा रहेगा।
सिंह राशि:
आय के नए स्रोत खुलेंगे, धन की प्राप्ति होगी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
तुला राशि:
नए व्यवसाय शुरू करने के संकेत हैं, विदेश यात्रा में सफलता मिल सकती है और आर्थिक लाभ होगा।
धनु राशि:
वैवाहिक जीवन में मधुरता आएगी, जीवनसाथी से लाभ होगा और व्यापार में लाभ होगा।