नई दिल्ली। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पिछले कुछ समय से धधक रही बदले की आग ने अब विकराल रूप ले लिया है। अफगानिस्तान पर पाकिस्तान की ओर से की गई एयरस्ट्राइक से शुरू हुआ तनाव अब बढ़ता जा रहा है। तालिबान के 15 हजार लड़ाके पाकिस्तान की ओर बढ़ रहे हैं। इस बीच खबर है कि पाकिस्तान की सेना और वायुसेना ने पेशावर और क्वेटा से सेना को तैनात कर दिया है।
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सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी सेना की कुछ टुकड़ियां अफगान सीमा पर पहुच गई है। वहीं, अफगान तालिबान मीर अली सीमा के पास पहुंच गया है। हालांकि, अभी तक गोलीबारी का कोई संकेत नहीं मिला है लेकिन तैनाती बढ़ा दी गई है। इस बीच अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने काबुल में पाकिस्तानी दूतावास के प्रभारी को तलब किया है। अफगान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हाफिज जिया अहमद ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे दोनों देशों के संबंधों में दरार डालने का प्रयास बताया।
यह विवाद उस समय गहराया, जब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल ही में वजीरिस्तान के मकीन इलाके में पाकिस्तानी सेना के 30 जवानों को मार गिराया। इसके जवाब में, पाकिस्तान ने एयरस्ट्राइक करके यह संदेश देने की कोशिश की कि वह अपने सैनिकों की हत्या बर्दाश्त नहीं करेगा।
अफगान तालिबान के पास भारी मात्रा में हथियार और दुर्गम इलाकों में छिपने की क्षमता है। उनके पास एके-47, मोर्टार, रॉकेट लॉन्चर जैसे आधुनिक हथियारों का विशाल भंडार है। इसके अलावा, तालिबानी लड़ाके उन पहाड़ों और गुफाओं से हमले करते हैं, जिनके बारे में पाकिस्तानी सेना को जानकारी तक नहीं है। शहबाज शरीफ सरकार पहले से ही आर्थिक संकट, सीपैक प्रोजेक्ट में देरी और बलूचिस्तान में अलगाववाद जैसी समस्याओं से जूझ रही है। इन मुद्दों ने सरकार और सेना दोनों को कमजोर किया है। अब तालिबान के साथ टकराव ने इस संकट को और बढ़ा दिया है।
क्या है तालिबान की रणनीति?
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अफगान तालिबान लंबे समय से यह दिखाता आया है कि वह किसी भी बड़े सैन्य शक्ति के सामने झुकने वाला नहीं है। अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों को उसने वर्षों तक चुनौती दी और आखिरकार उन्हें अफगानिस्तान से लौटने पर मजबूर कर दिया। पाकिस्तान के पास न तो वैसी सैन्य ताकत है और न ही आर्थिक क्षमता, जिससे वह तालिबान का सामना कर सके. मीर अली बॉर्डर पर बढ़ती गतिविधियों के चलते पाकिस्तान ने भी अपनी सेना को अलर्ट पर रखा है। सीमाई इलाकों में सैनिकों की तैनाती तेज कर दी गई है। स्थानीय लोगों में डर का माहौल है और स्थिति किसी बड़े संघर्ष का संकेत दे रही है। तनाव बढ़ने के साथ ही यह देखना होगा कि पाकिस्तान और तालिबान के बीच यह टकराव किस ओर बढ़ता है।