लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में जनपद लखनऊ स्थित उनके सरकारी आवास पर ‘वीर बाल दिवस’ (साहिबजादा दिवस) के अवसर पर आज श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप का आगमन हुआ। मुख्यमंत्री धर्म की रक्षा के लिए साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी के सर्वोच्च बलिदान की स्मृति में ऐतिहासिक समागम एवं श्री सहज पाठ सेवा (श्री अमृतसर) द्वारा 11,000 सहज-पाठ के शुभारंभ कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
पढ़ें :- लेखपाल भर्ती में आरक्षण विसंगति पर फूटा सीएम योगी का गुस्सा, बोले- लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त...
श्री गुरु नानक देव जी महाराज से लेकर गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज तक, जो आदर्श सिख गुरुजन ने स्थापित किए, हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। उस प्रेरणा से जब हम आगे बढ़ेंगे, तब 'काबुल' और 'बांग्लादेश' होने से बच पाएंगे।
देश और धर्म के लिए शहादत की एक नई कहानी लिखने वाले गुरु श्री… pic.twitter.com/LAmxCUd3N2
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 26, 2024
पढ़ें :- Hijab Controversy : डॉ. नुसरत प्रवीन को झारखंड सरकार ने दिया खुला ऑफर,तीन लाख रुपये सैलरी, मनचाही पोस्टिंग...
मुख्यमंत्री ने कहा, श्री गुरु नानक देव जी महाराज से लेकर गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज तक, जो आदर्श सिख गुरुजन ने स्थापित किए, हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। उस प्रेरणा से जब हम आगे बढ़ेंगे, तब ‘काबुल’ और ‘बांग्लादेश’ होने से बच पाएंगे। देश और धर्म के लिए शहादत की एक नई कहानी लिखने वाले गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादे बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी जी को आज ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर नमन किया। अमर बलिदानी चार साहिबजादों की पावन स्मृतियां हम सभी के हृदय में सदैव जीवंत रहेंगी।
जो आदर्श सिख गुरुओं ने हम सबके लिए रखा है, वही हम सबको आगे बढ़ने के लिए एक नई ऊर्जा देगा। उन्हीं का आशीर्वाद हम सबकी प्रेरणा है…: #UPCM @myogiadityanath
https://t.co/eiELREbsX8 pic.twitter.com/Rcbexbrv2z — CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 26, 2024
पढ़ें :- Bangladesh Lynching Case : हिंदू युवक की हत्या में शामिल सात आरोपी गिरफ्तार, यूनुस सरकार, बोली- सांप्रदायिक हिंसा को नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
साथ ही कहा, जब बांग्लादेश की घटना व पाकिस्तान के अंदर अत्याचार के बारे में सुनते हैं, तब सिख गुरुओं के त्याग-बलिदान का स्मरण होता है। सिख गुरुओं के आदर्श हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा देंगे। उनका आशीर्वाद हमारी प्रेरणा है। उस प्रेरणा से आगे बढ़ेंगे, तब काबुल-बांग्लादेश होने से बच पाएंगे, तब किसी ननकाना साहिब के लिए आंदोलन-संघर्ष की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि वह हमें स्वतस्फूर्त भाव से प्राप्त होगा। उस दुश्मन को पहचानें, जो इस कौम के पुरुषार्थ को कुंद करने की साजिश रच रहे हैं।