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लता मंगेशकर के जीवन से 8 अंक का काफी महत्त्व रहा, जो अंतिम सफर तक रहा जारी

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। भारत रत्न, सुरों की महारानी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के जीवन में आठ अंक का काफी महत्त्व रहा था। आंकड़ों में यह बात स्पष्ट नजर आती है। लता मंगेशकर का आज 92 साल की उम्र में निधन हो गया।

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क्रिकेट के आंकड़ेबाज श्रीकांत पोद्दार ने लता जी के जीवन में 8 अंक से नजदीकी के बारे में बताया है। श्रीकांत ने बताया कि उनके जीवन में अंक 8 कई जगह पर मिलता है । लता जी का जन्म 28 सितम्बर को हुआ था। वह 8 जनवरी को अस्पताल गयी थीं। 28 दिन अस्पताल में रही थीं। उनका छह फरवरी को निधन हुआ। यानी 06 और 02 को जोड़े तो आठ बनता है। उन्होंने 35 भाषाओं में गाना गाया जिसका जोड़ भी 8 है ।

श्रीकांत ने बताया कि लता जी का बचपन का नाम हेमा था जो अंग्रेजी के एच से शुरू होता है और एच अंग्रेजी वर्णमाला का आठवां अक्षर है। वह आठ दशक से गायन से जुड़ी रही । वह आज सुबह 08 बज कर 12 मिनट पर हम सभी को छोड़ कर चली गई । लता जी के नाम में अक्षर ल से लय और ता से ताल यानी कि वो हमेशा लय और ताल में थी । लता जी के नाम को अंग्रेजी में लिखे लता को देखेंगे एल अंग्रेजी वर्णमाला का 12 वां अक्षर है जबकि ए पहला, टी बीसवां और ए पहला। इस तरह देखे 12+1+20+1=34 और 3+4= 7 यानी इनके नाम में ही संगीत के सात सुर थे। अंत में यह बात है कि लता के एल को शुरू से उठा कर अंत मे रख दें। तो बनेगा अटल , इस प्रकार लता जी का नाम हमेशा अटल रहेगा ।

लता जी के निधन पर सरकार ने दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। लता मंगेशकर ने 30 से भी ज्यादा भाषाओं में 10 हजार से ज्यादा नग्मे गाए हैं। इसीलिए उन्हें साल 1989 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया था। और फिर 2001 में लता जी भारत के सबसे बड़े अवार्ड भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।

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