एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा के पिता अनिल अरोड़ा ने बुधवार को छत से कूद कर जान दे दी। अचानक उनकी मौत से उनका पूरा परिवार सदमे में हैं। हैरान है अचानक इतना बड़ा कदम उन्होने कैसे उठा लिया। इस लेख के माध्यम से आज हम आत्महत्या के कारणों और इससे पहले के संकेतों के बारे में जानते है। ताकि अनहोनी से पहले इसे समझा जा सके।
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एक्सपर्ट्स के अनुसार आत्महत्या करने का विचार किसी तरह की मानसिक बीमारी नहीं है। इसके पीछे डिप्रेशन, तनाव, बाइपोलर डिसऑर्डर, पर्सनालिटी डिसऑर्डर और अचानक किसी घटना का दिमाग पर असर जैसे कई कारण हैं। इस समस्या से जूझने वाले अक्सर उदास रहते हैं और उनके मन में हर वक्त नकारात्मक ख्याल आते हैं। कई बार ये लोग खुद को इतना असहाय महसूस करते हैं कि उनके मन में सुसाइड का ख्याल आने लगता है। ऐसे लोगो में कुछ लक्षण नजर आते हैं जैसे जरूरत से ज्यादा और बात-बात पर गुस्सा करना।
हमेशा उदास रहना। मूड स्विंग होना भविष्य को लेकर एक डर बना रहना। नींद न आना और गंभीर तनाव और डिप्रेशन के बीच भी अचानक से बिल्कुल शांत रहना। ऐसे लोग हमेशा अकेले रहना पसंद करते हैं, किसी सामाजिक गतिविधि से बचते हैं।किसी भी काम में दिलचस्पी नहीं रह जाती है।
व्यवहार में अचानक से बदलाव आ जाता है।परिवार या दोस्तों को बिजनेस में शामिल करना, वसीयत बनाना, सुसाइड नोट लिखना, बंदूक या जहर जैसी चीजें तलाशना। और आत्महत्या के बारें में सोचने वाले 50 से 75 परसेंट लोग इसका जिक्र फ्रेंड्स या फैमिली या किसी रिलेटिव से जरूर करते हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आत्महत्या को रोका नहीं जा सकता है लेकिन आत्महत्या से पहले आने वाले विचारों और संकेतों को समझकर सही समय पर सही कदम उठाया जा सकता है। रिसर्च बताते हैं कि आत्महत्या रोकने का सबसे अच्छा तरीका इसके संकेतों, डिप्रेशन और डिसऑर्डर के लक्षणों को पहचानकर उस इंसान का इलाज कराना है। जहां तक हो सके ऐसे लोगो की बात सुनें। उनके साथ समय बिताएं।