आजकल अपनी शादी को शानदार और भव्य दिखाने के लिए लोग न जाने क्या क्या जतन नहीं करते हैं। कभी कभी यही दिखावा सेहत पर भारी पड़ जाता है। ठीक ऐसे ही एमपी के राजगढ़ जिले में एक शादी में दूल्हा दूल्हे की एंट्री के लिए इवेंट मैनेजर ने लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल किया।
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दरअसल लिक्विड नाइट्रोजन जब हवा के संपर्क में आता है तो काफी अधिक सफेद धुआं निकलने लगता है। इससे फॉग स्मोक जैसा माहौल हो जाता है। जो देखने में काफी शानदार लगता है, लेकिन सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है। इस शादी में दूल्हा दूल्हन की एंट्री के लिए एक बर्तन में लिक्विड नाइट्रोजन रखा गया था, जिसमें सात साल की मासूम बच्ची गिर गई और बुरी तरह से झुलस गई।
लिक्विड नाइट्रोजन की ठंडक का स्तर -195.8°C तक होता है, जिससे इंसान का शरीर फ्रॉस्टबाइट (ज्यादा ठंड से शरीर का गलना) या क्रायोजेनिक बर्न का शिकार हो जाता है।
लिक्विड नाइट्रोजन के बर्तन में गिरने से बच्ची का शरीर 80 प्रतिशत तक जल गया। उसे तुरंत इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह पांच दिन तक जिंदगी के लिए जूझती रही और 10 मई की रात उसकी मौत हो गई।
नाइट्रोजन गैस जहरीली नहीं होती है, लेकिन इस्तेमाल और मैनेजमेंट में लापरवाही बरतने पर यह काफी खतरनाक साबित हो सकती है।
नाइट्रोजन गैस हवा से भारी होती है। अगर यह किसी बंद जगह में फैल जाए तो ऑक्सीजन को खत्म कर सकती है। इससे सांस लेने में दिक्कत, बेहोशी और मौत तक हो सकती है। शादी जैसे भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों में इस गैस के इस्तेमाल से खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
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अगर लिक्विड नाइट्रोजन का धुआं सांस के जरिए फेफड़ों में चला जाए तो यह फेफड़ों की कोशिकाओं को फ्रीज कर सकता है। इससे सांस लेने में भी काफी दिक्कत होने का खतरा रहता है। लिक्विड नाइट्रोजन को गलत तरीके से स्टोर करने या गर्म करने पर यह तेजी से गैस में बदलती है, जिससे विस्फोट भी हो सकता है।