नई दिल्ली। भारतीय रेलवे (Indian Railways) वंदेभारत (Vande Bharat) और अमृतभारत ट्रेन (Amrit Bharat trains) चलाया। इसके बाद एक और खास ट्रेन दौड़ने जा रही है। इसकी खासियत यह होगी कि ये न तो बिजली और न ही डीजल से, बल्कि पानी से ट्रेन चलेगी। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहली ट्रेन का रूट भी तय हो गया। रेलवे मंत्रालय (Railway Ministry) ने बताया कि प्रोटोटाइप ट्रेन को दिसंबर 2024 में चलाने की तैयारी है।
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भारतीय रेलवे (Indian Railways) देश में हाइड्रोजन ट्रेन चलाने जा रहा है। यह ट्रेन हरियाणा के जींद से पानीपत के बीच 90 किमी. दौड़ेगी। एक चक्कर के लिए इंजन में 360 किलोग्राम हाइड्रोजन भरी जाएगी। हाइड्रोजन प्लांट निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है।
रेलवे मंत्रालय के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर इनफार्मेशन एंड पब्लिसिटी दिलीप कुमार (Dilip Kumar, Executive Director, Information and Publicity, Ministry of Railways) ने बताया कि भारतीय रेलवे 2030 तक जीरो कार्बन (Indian Railways to become zero carbon by 2030) की दिशा में काम कर रहा है। फ्यूल के रूप में हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाएगा।
टेस्ट सफल रहा
प्रोजेक्ट हाइड्रोजन फ्यूल सेल (Project Hydrogen Fuel Cell) और इंफ्रास्ट्रक्चर का काम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया जा रहा है। इसका टेस्ट सफल रहा है। सेल के डिजाइन और हाइड्रोजन प्लांट अप्रूव हो गए हैं। हाइड्रोजन सुरक्षा को लेकर ग्लोबल एजेंसियों ने अप्रूवल दे दी है। भारतीय रेलवे ने मौजूदा डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) को हाइड्रोजन फ्यूल (Hydrogen Fuel) के लिए रेट्रो फिटमेंट का काम आवार्ड कर दिया है। प्रोटोटाइप ट्रेन आईसीएफ चेन्नई में बनाने का प्लान है।
35 हाइड्रोजन ट्रेन चलाने का प्लान
दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने बताया कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने हाइड्रोजन हेरीटेज के तहत 35 हाइड्रोजन ट्रेन का प्लान किया है, जिसमें प्रति ट्रेन की लागत 80 करोड़ और जमीन इंफ्रास्ट्रक्चर की 70 करोड़ हेरीटेज और हिल रूट के लिए अनुमान है।
रेलवे जंक्शन पर जीआरपी थाना के पास प्लांट का निर्माण शुरू हो चुका है। इसमें पूरे परिसर सहित भवनों की छतों के पानी को भी एकत्रित करने के लिए डिजाइन तैयार किया है, इसी पानी से हाइड्रोन तैयार कर इससे ट्रेन चलाई जाएगी। इसके लिए काम चल रहा है। प्लांट में तीन हजार किलोग्राम हाइड्रोजन भंडारण का टैंक बनाया जाएगा और पहले चरण में दो ही ट्रेन चलाई जा सकेंगी। वहीं अतिरिक्त हाइड्रोजन को टैंकरों की मदद से दूसरी जगह ट्रांसपोर्ट किया जा सकेगा। रेलवे जंक्शन पर 118 करोड़ रुपए की लागत से हाइड्रोजन गैस (Hydrogen Gas) प्लांट का निर्माण 2022 में शुरू हुआ था। यह गैस प्लांट दो हजार मीटर एरिया में लगाया जा रहा है।
इंजन छोड़ेगा भाप
हाईड्रोजन गैस (Hydrogen Gas) से चलने वाले इंजन धुएं की बजाय भाप और पानी छोड़ेगा। ट्रेन पारंपरिक डीजल इंजन की तुलना में 60 फीसदी कम शोर करेगा। इसकी रफ्तार और यात्रियों को ले जाने की क्षमता भी डीजल ट्रेन के बराबर होगी।