UP By-Election : यूपी (UP) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव को एक हफ्ता टालने का अनुरोध किया है। पार्टी ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer of Uttar Pradesh) को पत्र लिखा है। पत्र में मांग की गई है कि प्रदेश में नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को वोटिंग कराई जाए। पार्टी ने वोटिंग टालने के अनुरोध के पीछे कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के स्नान को कारण बताया है। पार्टी ने बताया कि काफी संख्या में मतदाता इस स्नान में हिस्सा लेने के लिए दो-तीन दिन पहले ही रवाना हो जाते हैं। इस कारण वे अपने मताधिकार का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
पढ़ें :- Cash for Vote : महाराष्ट्र में वोटिंग से पहले 'कैश कांड' में फंसे विनोद तावड़े, अब तक 3 FIR, 9 लाख कैश जब्त
बता दें कि चुनाव आयोग (Election Commission) ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) के साथ ही प्रदेश में नौ सीटों पर उपचुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी। आयोग की ओर से घोषित किए गए कार्यक्रम के अनुसार 18 अक्टूबर को नामांकन के साथ चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी जबकि 13 नवंबर को वोटिंग और 23 नवंबर को उपचुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। अब भाजपा (BJP) की ओर से वोटिंग 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को कराने की मांग की गई है। 20 नवंबर को ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) के लिए भी वोटिंग होने वाली है।
भाजपा के तरफ से मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer) को लिखे पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के स्नान का काफी ज्यादा धार्मिक महत्व है। इस दिन लोगों के स्नान के बाद पूजन भी किया करते हैं। इस बार कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) का स्नान पर्व 15 नवंबर को पड़ रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग स्नान पर्व और पूजन में हिस्सा लेने के लिए दो-तीन दिन पहले ही रवाना हो जाएंगे। 13 नवंबर को मतदान होने के कारण ऐसे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उपचुनाव के दौरान वोटिंग प्रतिशत गिरने की भी संभावना बनी रहेगी।
भाजपा (BJP) ने तीन-चार सीटों का विशेष तौर पर उल्लेख करते हुए कहा है कि मीरापुर, कुंदरकी, गाजियाबाद और प्रयागराज में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के मौके पर मेला भी लगता है, जिसमें काफी संख्या में लोग हिस्सा लेते हैं। इस कारण बहुसंख्यक मतदाता मतदान से वंचित रह जाएंगे। आयोग की ओर से भी शत-प्रतिशत मतदान पर जोर दिया जाता रहा है, मगर ऐसी स्थिति में लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल होगा। ऐसी स्थिति में मतदान को एक सप्ताह टालते हुए 20 नवंबर को मतदान कराना उचित होगा।