चॉकलेट एक ऐसी चीज़ है जिसे बच्चे से लेकर बड़े तक खाते हैं। लोग इसे इतना पसंद करते हैं जिसका कहने का कोई जवाब नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये रंग बिरंगी चॉकलेट जो आपको इतनी लुभाती हैं वो आपके सेहत के लिए कितनी हानिकारक हैं। अगर नहीं तो आज हम आपको इसके नुकसान के बारे में बताएँगे ।
पढ़ें :- Indigo Airlines flights cancelled: इंडिगो एयरलाइंस का यात्रियों को बड़ा झटका, दिल्ली से आज की सभी घरेलू उड़ानें रद्द
बता दें एक रिसर्च के अनुसार चॉकलेट में चीनी की मात्रा कहीं अधिक होती है। इसमें कृत्रिम रंग और प्रिज़र्वेटिव मिलाए जाते हैं जो लंबे समय में आपकी सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। बच्चों की कोमल उम्र में इन मीठी चीजों का अधिक सेवन मोटापा, दांतों की सड़न, पाचन संबंधी समस्या, डायबिटीज़ और इम्यूनिटी कमजोर होने जैसी कई दिक्कतें पैदा कर सकता है।
चॉकलेट में क्या होता है सबसे खतरनाक?
चीनी- एक छोटी कैंडी या चॉकलेट बार में कई चम्मच चीनी छिपी होती है। ये शरीर में खाते ही ब्लड शुगर को बढ़ाने का काम करती है।
कृत्रिम रंग और फ्लेवर- स्वाद और रंग बढ़ाने के लिए कई बार ऐसे केमिकल मिलाए जाते हैं, जो एलर्जी या हाइपरएक्टिविटी का कारण बन सकते हैं।
पढ़ें :- US fighter jet crashes : अमेरिका का फाइटर जेट क्रैश , बाल-बाल बचा पायलट
सैचुरेटेड फैट और हाइड्रोजेनेटेड ऑयल- चॉकलेट में अक्सर ट्रांस फैट होते हैं, जो हार्ट और लिवर पर असर डालते हैं।
प्रिजर्वेटिव- लंबे समय तक स्टोर करने के लिए ऐसे रसायन डाले जाते हैं, जो बच्चों के शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
चॉकलेट खाने से बच्चों में बीमारी
दांतों की सड़न – मीठा खाने के बाद मुंह में बैक्टीरिया शुगर को एसिड में बदल देते हैं, जिससे दांतों की एनामेल खराब हो जाती है और दांतों में सड़न पैदा हो सकती है।
मोटापा – चॉकलेट्स में हाई कैलोरी और दूसरे जरूरू न्यूट्रिएंट की कमी होने से वजन तेजी से बढ़ाती हैं। बचपन में ही ओवेसिटी का शिकार हो सकते हैं।
पढ़ें :- समझौतारमलेरिया वैक्सीन को लेकर गावी और यूनिसेफ ने किया नया समझौता
टाइप-2 डायबिटीज का खतरा- (Type 2 Diabetes In kids): चॉकलेट और कैंडीज में अधिक चीनी से इंसुलिन रेजिस्टेंस विकसित हो सकता है।
पाचन समस्या (Digestive Issues)- कैंडी और चॉकलेट में फाइबर की कमी और फैट की अधिकता पाचन बिगाड़ सकती है।
इम्यूनिटी कमजोर (Low Immunity)- ज्यादा शुगर इम्यून सिस्टम की कार्यक्षमता को घटा सकती है, जिससे बार-बार संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
हाइपरएक्टिविटी और ध्यान की कमी (Hyperactivity)- कैंड और चॉकलेट में मिलाए गए आर्टिफिशियल रंग और एडिटिव्स के कारण कुछ बच्चों में हाइपरएक्टिविटी की समस्या हो सकती है जिससे एकाग्रता में कमी देखी गई है।
कैंडी और चॉकलेट खाने से सेहत पर असर
अगर तुरंत असर की बात करें तो मीठा खाते ही ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, लेकिन जल्दी ही थकान और चिड़चिड़ापन आ सकता है। लंबे समय में ज्यादा चॉकलेट और कैंडी का सेवन करने से क्रॉनिक बीमारियों का खतरा, हड्डियों की मजबूती में कमी और हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।
पढ़ें :- पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की दी चेतावनी, कहा- आतंकवाद विरोधी प्रतिक्रियाओं पर देगा करारा जवाब