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Wrestlers Counterattack : पीटी उषा जब अपनी टूट रही अकादमी मीडिया के सामने रो-रोकर नहीं बचा सकीं, तो उनसे क्या न्याय की उम्मीद ?

By संतोष सिंह 
Updated Date

Wrestlers Counterattack : भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष (President of Wrestling Federation of India) बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ जंतर मंतर पर पहलवानों का धरना प्रदर्शन जारी है। इसी बीच बीते गुरुवार को भारतीय एथलीट और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा (PT Usha) ने पहलवानों के सार्वजनिक धरना देने की आलोचना करते हुए इसे अनुशासनहीनता भी करार दिया। अब धरना दे रहे पहलवानों ने पीटी उषा (PT Usha) के बयान पर नाराजगी जताते हुए पलटवार किया है।

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जानें क्या कहा था पीटी उषा ने?

बता दें कि रेसलर्स के धरने पर प्रतिक्रिया देते हुए पीटी उषा (PT Usha) ने कहा था कि जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरने से देश की बदनामी हुई है। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन करने से पहले उन्हें अपनी शिकायत के लिए आईओए के एथलीट आयोग से संपर्क करना चाहिए था।

पीटी उषा (PT Usha) आईओए (IOA)की कार्यकारी समिति की बैठक में कहा कि मेरा मानना है कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए IOA की एक समिति और एथलीट आयोग है। सड़कों पर जाने के बजाय उन्हें (पहलवानों को) हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन वे IOA में नहीं आए। वे इस बात पर अड़े हैं कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे धरना खत्म नहीं करेंगे। थोड़ा तो अनुशासन होना चाहिए। हमारे पास न आकर वे सीधे सड़कों पर चले गए हैं, यह खेल के लिए अच्छा नहीं है। वे जो कर रहे हैं वह देश की छवि के लिए अच्छा नहीं है।

अब पहलवानों ने किया पलटवार

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पीटी उषा (PT Usha) के बयान पर धरना दे रहे पहलवानों ने दुख जताया है। इतना ही नहीं बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) , विनेश फोगट (Vinesh Phogat)  और साक्षी मलिक (Sakshi Malik)समेत तमाम पहलवानों ने उषा पर पलटवार भी किया है। पहलवानों ने कहा कि पीटी उषा (PT Usha) को उनके आंदोलन का सम्मान करना चाहिए।

बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने कहा कि हाल ही में, उषा मैम ने ट्वीट किया था कि कुछ लोगों ने गुंडागर्दी का सहारा लेकर उनकी अकादमी की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश की। वे मुझे बताएं कि क्या उस समय देश की छवि धूमिल नहीं हो रही थी। अगर वे राज्यसभा सांसद होने के नाते अपनी अकादमी की जमीन को नहीं बचा सकती हैं, तो बृजभूषण सिंह के खिलाफ हम जैसे सामान्य पहलवानों के लड़ाई लड़ने और जीतने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? उषा मैम ने अपने बयान से हमारे पूरे पहलवान समुदाय को निराश किया है।

पीटी उषा का संवेदनशील नहीं होना, काफी दुखद: विनेश

विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने भी कहा कि हम देश के संविधान को फॉलो करते हैं, लेकिन अगर हम सड़क पर बैठे हैं तो हमारी कुछ मजबूरी है, क्योंकि हमारी किसी ने बात नहीं सुनी। ऐसे में हमें जनता के सामने आना पड़ा। पीटी उषा को हम अपना बड़ा आइकन मानते हैं। उनका महिलाओं के प्रति ऐसे बोलना, बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं होना, काफी दुखद है। विनेश ने कहा कि मैंने उनको पर्सनली फोन भी किया था, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। अगर पीटी ऊषा मैम के साथ ऐसा हुआ होता तो क्या वे इतना लंबा इंतजार कर लेती? हमें नहीं पता यह उनकी जुबान है या उनके ऊपर भी कोई दबाव है। वह आईओए की अध्यक्ष हैं, लेकिन उनको मीडिया में आकर यह कहना पड़ा था, वह भी रो-रोकर, कि उनकी अकादमी तोड़ी जा रही है। जो खुद के साथ ही न्याय नहीं करा सकी, हम उनसे क्या उम्मीद रखें?”

पहलवान साक्षी मलिक (Wrestler Sakshi Malik) ने कहा कि मैं पीटी उषा का सम्मान करती हूं। उन्होंने हमें प्रेरित किया है, लेकिन मैं मैडम से पूछना चाहती हूं कि महिला पहलवान आगे आई हैं, उन्होंने उत्पीड़न का मुद्दा उठाया है। क्या हम विरोध भी नहीं कर सकते? आईओए समिति में हमने अपने बयान दिए। आईओए समिति के सदस्य भी रो पड़े थे। उन्होंने आश्वासन दिया था कि कार्रवाई की जाएगी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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गीता फोगाट (Geeta Phogat) ने कहा कि जिस इंसान पर इतने संगीन आरोप लगे हों उन पर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है और पीटी उषा आप खिलाड़ियों को अनुशासनहीन बता रही है। एक महिला और खिलाड़ी होने के नाते आपसे तो कम से कम ये उम्मीद नहीं थी। यह बेहद ही शर्मनाक है।

जानें 3 महीने में दूसरी बार क्यों धरने पर पहलवान?

23 अप्रैल से पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर मोर्चा खोले हुए हैं। पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले 18 जनवरी को पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था। तब पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था। तब खेल मंत्रालय ने पहलवानों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था। अब तीन महीने बाद पहलवान फिर धरना दे रहे हैं। पहलवानों ने अब कमेटी पर ही सवाल खड़े किए हैं।

 

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