आगरा। कोई भी व्यक्ति अगर किसी की आस्था के साथ खिलवाड़ करेगा, तो उसे कानून के दायरे में लाकर कठोरता पूर्वक सजा दिलवाई जाएगी…ये बाते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक में कहीं हैं। लेकिन इसके विपरित आगरा के अफसर मुख्यमंत्री की इन बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। अफसरों के इस रवैया के कारण जमीन घोटाले के आरोपी शोभिक गोयल जैसे लोग मंदिर में भी पूजा अर्चना पर रोक लगा दिए हैं और लोगों की भावनाओं को आहत करते हैं।
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ये महज एक दो या एक सप्ताह की बात नहीं है…महीनों से मंदिर में पूजा अर्चना से लोगों को रोका जा रहा है, जिसके कारण वहां के स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं। बिल्डर शोभिक गोयल की मुख्यमंत्री से लेकर जिले के सभी अफसरों तक की गई लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय लोगों का कहना है शोभिक गोयल पर उसकी रसूख के चलते कार्रवाई नहीं होती है, जिसके कारण वो मंदिर में पूजा अर्चना पर भी रोक लगा दिया है। दरअसल, पहले से ही उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए मंदिर की जमीन पर कब्जा किया हुआ है। ऐसे में अब वो लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने में जुटा हुआ है।
बता दें कि, आवास विकास कॉलोनी सिकन्दरा योजना निवासी उदय प्रताप सिंह चौहान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर शिकायत की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि, प्रार्थीगण उक्त मन्दिर श्री राधाकृष्ण जी महाराज में सेवा पूजा करने वाले एवं उसमें आस्था रखने वाले व्यक्ति हैं। उक्त मन्दिर प्रांगण में श्री राधाकृष्ण जी महाराज की प्राण प्रतिष्ठा सन 1958 में विद्यावती देवी द्वारा करायी गयी थी। इस मंदिर में महादवे एवं बालाजी महाराज के मंदिर बने हुए हैं, जिसमें स्थानीय लोगों की काफी आस्था है। लेकिन अब इस मंदिर में आम नागरिकों को पूजा अर्चना करने से रोक लगा दी गयी है।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने बताया कि, इसकी जानकरी करने पर मालूम हुआ कि, विद्यावत्ती देवी ने 22-10-1958 को श्री राधाकृष्ण मूर्ति की स्थापित कर मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा करायी थी। पत्र में बताया गया कि, उन्होंने 28-10-1958 को बजरिये पंजीकृत पुण्य पत्र (दान पत्र) श्री राधाकृष्ण जी महाराज मन्दिर के नाम खसरा नं० 3617 नगर निगम नम्बरी 26/257 चावल वाला बाग सुल्तान गंज, विजय नगर हरीपर्वत वार्ड, आगरा को किया गया। इसमें ये भी उल्लेख किया गया कि उक्त मन्दिर की सम्पत्ति किसी भी स्थिति में विक्रय एवं रहन आदि के उपयोग में नहीं होगी। इसके साथ ही विद्यावती देवी ने 08.07.1980 को एक नियुक्ति पत्र पंजीकृत लिखा जिसमें उन्होंने विनोद कुमार सिंह, विजेन्द्र कुमार सिंह एवं प्रवीन कुमार सिंह को राधा कृष्ण महाराज ट्रस्ट का प्रबन्धक व सर्वराकार नियुक्त किया था।
इस पत्र में आरोप है कि, विद्यावती देवी का निधन 04.11.1986 को हुआ था। आरोप है कि, इसके बाद इन तीनों भाइयों ने अपंजीकृत फर्जी स्मृति पत्र 28.10.1986 तैयार किया गया। इसमें उनके द्वारा उल्लेख किया गया कि, खसरा सं० 3617 चावल वाला बाग में मंदिर भवन को छोड़कर उक्त सम्पत्ति का विक्रय कर सकते हैं, लेकिन विद्यावती द्वारा पंजीकृत दान पत्र 1958 में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि खसरा नं0 3617 का कभी भी किसी भी स्थिति में विक्रय नहीं किया जायेगा।
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आरोप है कि, विद्यावती देवी के निधन के बाद तीनों भाइयों ने आगरा के नामचीन बिल्डर ओपी चेन्स के मालिक से इस जमीन का सौदा कर दिया। इस दौरान उन्होंने फर्जी दस्तावेज के जरिए ट्रस्ट की जमीन को ओपी चेन्स के मालिक शोभिक गोयल को बेच दी।