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अमेरिका ,बोला- बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करना युनूस सरकार की जिम्मेदारी

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा। उपद्रवी कभी मंदिरों तो कभी उनके घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाल ही में हिंदुओं के जाने-माने नेता चिन्मय कृष्ण दास (Chinmay Krishna Das) को भी गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद से यहां लगातार तनाव जारी है। इस पूरे मामले पर अमेरिका ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल (State Department Deputy Spokesperson Vedant Patel) ने कहा कि सरकार को बोलने की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का सम्मान करने की जरूरत है।

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पटेल ने कहा कि अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों को उनकी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। उनसे मानवाधिकारों के मुताबिक ही व्यवहार किया जाना चाहिए। विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल (State Department Deputy Spokesperson Vedant Patel)  ने कहा कि ‘हम हर उस सरकार के साथ सुसंगत हैं जिसके साथ हमारा संबंध है।

‘प्रदर्शन हो, मगर शांतिपूर्ण तरीके से’

उन्होंने कहा कि सरकारों को कानून के शासन का सम्मान करने की जरूरत है। उन्हें इसके हिस्से के रूप में बुनियादी मानवाधिकारों का सम्मान करने की आवश्यकता है। यह कुछ ऐसा है जिस पर हम जोर देना जारी रखेंगे। उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता और बुनियादी मानवाधिकारों के लिए सम्मान की आवश्यकता है। किसी भी तरह का प्रदर्शन होना चाहिए, मगर शांतिपूर्ण होना चाहिए। पटेल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि हिरासत में लिए गए लोगों को उचित प्रतिनिधित्व देने की जरूरत है और उनके साथ मूलभूत मौलिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए।

अल्पसंख्यकों की रक्षा करे अंतरिम सरकार : सांसद शेरमैन

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अमेरिका के वरिष्ठ सांसद ब्रैड शेरमैन ने कहा कि ‘बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का यह दायित्व है कि वह अपने हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करे और हालिया हमलों एवं उत्पीड़न के खिलाफ हजारों अल्पसंख्यक हिंदुओं के विरोध प्रदर्शनों का सार्थक ढंग से समाधान करे। उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पतन से पहले और उसके बाद हुए दंगों के दौरान हत्याओं और अन्य अधिकारों के उल्लंघन के लिए बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क से जांच की मांग के साथ, वर्तमान प्रशासन को हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा के कृत्यों को खत्म करने में नेतृत्व का प्रदर्शन करना चाहिए। बता दें कि सप्ताह के अंत में बांग्लादेश से आए हिंदुओं ने चिन्मय दास की रिहाई और बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा की मांग को लेकर व्हाइट हाउस में एक रैली भी आयोजित की।

चिन्मय दास की जान को खतरा?

हिंदू अधिनियम के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती (Utsav Chakraborty, Executive Director of Hindu Act) ने निवर्तमान बाइडन-हैरिस प्रशासन (Outgoing Biden-Harris Administration) से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ कट्टरपंथी हिंसा को और बढ़ने से रोकने के लिए सभी संभव उपाय करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ‘बांग्लादेश से मिल रहे फीडबैक के आधार पर अंतरिम सरकार की जेल में बंद चिन्मय कृष्ण ब्रह्मचारी (Chinmay Krishna Brahmachari) की जान को गंभीर खतरा है।

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