नई दिल्ली। बांग्लादेश के अंतरिम मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस (Interim Chief Advisor Muhammad Yunus) ने शुक्रवार को 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) को संबोधित किया। पिछले साल जनरल जेड के नेतृत्व वाले विद्रोह ने शेख हसीना के 15 साल के शासन को उखाड़ फेंका था, जिसके बाद से यह विश्व निकाय में उनका दूसरा भाषण था। उनके आगमन के साथ ही संयुक्त राष्ट्र के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Former Prime Minister Sheikh Hasina) के समर्थकों ने अंतरिम नेता के खिलाफ प्रदर्शन किया। यूनुस सरकार अशांति के बाद से सत्ता में है और अगले साल होने वाले आम चुनावों तक देश का नेतृत्व कर रहे हैं। वहीं समर्थकों ने यूनुस पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला (attack on hindus) करने की अनुमति देने का आरोप लगाया है।
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थक न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (United Nations Headquarters in New York) के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस के प्रति अपना विरोध व्यक्त कर रहे हैं। ये प्रदर्शन बांग्लादेश (bangladesh) में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल को दर्शाते हैं, जिसमें प्रदर्शनकारी यूनुस की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं और मानवाधिकारों और अल्पसंख्यक उत्पीड़न पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। आलोचक यूनुस की सरकार पर अल्पसंख्यकों विशेष रूप से हिंदुओं पर हमलों की अनुमति देने का आरोप लगा रहे हैं। कुछ इसे जमात-ए-इस्लामी (Jamaat-e-Islami) जैसे कट्टरपंथी इस्लामी समूहों (radical islamic groups) से जोड़ते हैं। यूनुस ने हसीना की मेजबानी के लिए भारत को दोषी ठहराया, जिससे द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हो गए। भारत ने पहले बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त की थी। यूनुस ने हसीना के शासन को छात्र विरोध प्रदर्शनों और कथित अपराधों के लिए प्रत्यर्पण की मांग से जोड़ा।
बांग्लादेश के राजनीतिक परिवर्तन पर विचार करते हुए यूनुस ने प्रतिनिधियों से कहा कि पिछले साल इस प्रतिष्ठित सभा में, मैंने आपसे एक ऐसे देश से बात की थी जिसने हाल ही में एक जन-विद्रोह (public revolt) देखा था। मैंने आपके साथ परिवर्तन की हमारी आकांक्षाओं को साझा किया था। आज मैं आपको यह बताने के लिए यहां खड़ा हूं कि हम उस यात्रा में कितनी दूर आ गए हैं। इस ग्रह पर हर 100 लोगों में से लगभग तीन बांग्लादेश में रहते हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का महत्व उसकी संख्या या भूगोल में नहीं, बल्कि उसके लोगों के लचीलेपन में निहित है। उन्होंने कहा कि हमारी कहानी इसलिए मायने रखती है क्योंकि यह आम लोगों की असाधारण शक्ति की याद दिलाती है। संकट चाहे कितना भी गहरा क्यों न हो, समाधान चाहे कितना भी असंभव क्यों न लगे, नवीनीकरण का मार्ग कभी नहीं भटकता। अर्थव्यवस्था की ओर मुड़ते हुए यूनुस ने प्रवासी श्रमिकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (International Organization for Migration) के अनुसार 71 लाख बांग्लादेशी विदेश में रहते हैं। जिन्होंने 2019 में लगभग 18 अरब अमेरिकी डॉलर (us dollar) की धनराशि भेजी है। उनका योगदान न केवल बांग्लादेश के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि उन मेजबान देशों के लिए भी उतना ही मूल्यवान है जहां वे उच्च माँग वाली आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं।