कहते हैं जीवन हैं तो मुश्किलें हैं…लेकिन इन मुश्किलों में जीते हुए भी अगर कोई सपने देखे और जी जान से उसे पूरा करने में लग जाए, तो किसी न किसी दिन उसकी मेहनत रंग जरुर लाती है। मुश्किलों से बिना डगमगाएं निरंतर प्रयास करते रहने वालों के कामयाबी कदम चूमती है।
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ऐसी ही जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने वाली स्मृति ईरानी पहले मैकडॉनल्ड मे काम कर चुकी है। आज हम आपको स्मृति ईरानी के मैकडॉनल्ड में काम करने से लेकर एक्ट्रेस और मंत्री बनने तक का सफर बताने जा रहे है।
स्मृति ईरानी आज भले ही राजनीति जगत में एक मकाम हासिल कर चुकीं है लेकिन क्या आप जानते है स्मृति ईरानी राजनेता के साथ साथ बेहतरीन एक्ट्रेस भी रही है। राजनीति जगत में अपना सिक्का जमाने से पहले स्मृति ईरानी टीवी एक्ट्रेस के तौर पर चर्चित सीरियल क्योंकि सास भी कभी बहु से सुर्खियों में आय़ी थी। आज केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का आज 23 मार्च को जन्मदिन है।
स्मृति जुबिन ईरानी का जन्म 23 मार्च 1976 दिल्ली में हुआ था। यही उन्होंने अपनी शिक्षा ग्रहण की। स्मृति मिस इंडिया प्रतियोगिता में भी प्रतिभाग ले चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मॉडलिंग करने से पहले मैकडॉनल्ड में वेट्रेस का काम कर चुकी है। इसके बाद मुंबई आ गई। जहां उन्होंने टीवी सीरियल क्योंकि सास भी कभी बहू थी में तुलसी के रुप में अपनी पहचान बनाई।
2019 की मंत्रीपरिषद में सबसे कम उम्र की बनी थीं मंत्री
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स्मृति ईरानी ने साल 2003 में बीजेपी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और दिल्ली के चांदनी चौक से चुनाव लड़ा। यहां से वे कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से हार गई थीं। साल 2010 में उन्हें भाजपा महिला मोर्चा की कमान सौंपी गई। वर्ष 2011 में वे गुजरात से राज्यसभा की सांसद चुनी गई। इसी वर्ष साल स्मृति को हिमाचल प्रदेश में महिला मोर्चे की भी कमान सौंप दी गई। स्मृति ईरानी 2019 की मंत्रीपरिषद में सबसे कम उम्र की मंत्री बनी थीं, उन्होंने 2019 में 43 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री के रुप में शपथ ली थी।
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स्मृति ईरानी ने जेट एयरवेज में एयर-होस्टेस पद के लिए आवेदन किया था लेकिन खारिज कर दिया गया था। इसके बाद स्मृति ने 1998 की मिस इंडिया प्रतियोगिता में भी भाग लिया, लेकिन गौरी प्रधान तेजवानी के साथ शीर्ष 9 तक नहीं पहुंच सकीं। लेकिन असफलताओं ने उनके जस्बे को डिगा नहीं सके वे निरंतर प्रयास करती रही। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और साल 2000 में स्मृति को बड़ा ब्रेक मिला जब उन्हें तुलसी की भूमिका के लिए चुना गया। वह 2003 में बीजेपी में शामिल हुईं। 2004 में, वह महाराष्ट्र यूथ विंग की उपाध्यक्ष बनीं।
एक शो में बातचीत के दौरान स्मृति ने बताया कि उनके घरवाले उनके ब्यूटी कॉन्टेस्ट के खिलाफ थे, लेकिन उनकी मॉडलिंग में दिलचस्पी थी। अपने इसी शौक की वजह से वे मुंबई भी चली गईं। स्मृति ने बताया कि वो मुंबई चली तो गईं, लेकिन उनकी जेब में उस वक्त पैसे नहीं थे। मुंबई पहुंचकर उन्होंने अपने पिता को फोन किया और कहा, मैं मुंबई आ तो गई हूं, लेकिन मेरे पास पैसे नहीं हैं। जिस पर उनके पिता ने कहा, “अगर तुम किसी और काम के लिए पैसे मांगती तो फिर भी दे देते, इसके लिए नहीं।
आखिरकार उनके पिता स्मृति को यह कहकर पैसे देने को तैयार हुए कि वे उन्हें एक साल के अंदर ये पैसे वापस कर देंगी और अगर नहीं कर पाईं तो उन्हें उनकी पसंद के लड़के से शादी करनी होगी। स्मृति इस बात के लिए राजी हो गईं। स्मृति ने बताया कि साल खत्म होने में एक ही दिन बचा था और उनके पिता ने उनकी सगाई तय कर दी थी, लेकिन किस्मत का खेल देखिए कि साल खत्म होते-होते उन्हें ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में लीड रोल ऑफर हुआ और उन्होंने मंगनी तोड़ दी।