Chaitra Navratri 2024 : सनातन धर्म में मां दुर्गा को शक्ति की अधिष्ठात्री देवी कहा जाता है। मां क दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए सदियों से भक्त गण जप कठिन साधना और आराधना करते आ रहे है। वर्ष में दो बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। चैत्र मास के प्रतिपदा के दिन से नवमी तिथि तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होगी। मां दुर्गा की पूजा के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है। आइये जानते है नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के लिए किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
पढ़ें :- Chaitra Navratri 2024 :चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पर कन्या पूजन का विधान, जानें विधि
चैत्र नवरात्रि 2024 अष्टमी
चैत्र नवरात्रि में महाअष्टमी 16 अप्रैल 2024 को है। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है। चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि 15 अप्रैल 2024 को दोपहर 12.11 मिनट पर शुरू होकर 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01.23 तक रहेगी।
साफ-सफाई
इस दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और नवरात्रि शुरू होने से पहले घर को पूरी तरह से स्वच्छ कर लेना चाहिए. क्योंकि माता रानी स्वच्छ स्थान पर ही वास करती हैं और जहां उनका वास होता है वहां सुख-समृद्धि आती है। जिस घर में गंदगी होती है वहां दरिद्रता का आगमन होता है. इसलिए नवरात्रि से पहले घर का हर कोना स्वच्छ होता है.
पवित्रता
नवरात्रि में साफ-सफाई का बहुत महत्व है। नवरात्रि शुरू होने से पहले पूरे घर और विशेषकर पूजा घर की अच्छे से सफाई कर लेनी चाहिए।देवी की पूजा में पवित्रता जरूरी है। साफ-सफाई से घर पवित्र होता है। नवरात्रि के नौ दिन बाल, नाखुन और दाढ़ी काटने की मनाही होती है। पुरुषों को दाढ़ी बनाने से बचना चाहिए। नवरात्रि में घर में कलश स्थापना (Kalashsthapana) और अखंड ज्योत जलाई हो तो घर में हमेशा किसी न किसी सदस्य का मौजूद रहना जरूरी है।
सात्विक भोजन करना चाहिए
नवरात्रि के नौ दिन, दिन के समय सोने से बचना चाहिए। देवी मां के दर्शन के लिए मंदिर जाना भी शुभ फल देने वाला होता है। देवी की पूजा के नौ दिनों में सात्विक भोजन करना चाहिए
पढ़ें :- Chaitra Navratri 2024 Kanya Pujan : चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन के समय इन बातों का रखें ध्यान, कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है
वस्त्र धारण
नवरात्रि के नौ दिन माता के प्रिय रंगों लाल, पीले, गुलाबी और हरे रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।