Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. इस दिन से होगा चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ, जानिए घटस्थापना मुहूर्त और देवी आराधना की विधि

इस दिन से होगा चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ, जानिए घटस्थापना मुहूर्त और देवी आराधना की विधि

By आराधना शर्मा 
Updated Date

नई दिल्ली: इस माह की दिनांक 13 अप्रैल, दिन मंगलवार से चैत्र नवरात्र प्रारंभ होने जा रही है। हमारे सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व बड़े ही श्रद्धाभाव से मनाया जाता है। हिन्दू वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ, मासों में 4 बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जिसमें 2 नवरात्र को प्रगट एवं शेष 2 नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है।

पढ़ें :- Guru Gochar 2024 : देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन बनाएगा मालामाल , शुभ समाचार मिल सकते हैं

चैत्र और आश्विन मास के नवरात्र में देवी प्रतिमा स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा-आराधना की जाती है, वहीं आषाढ़ और माघ मास में की जाने वाली देवीपूजा ‘गुप्त नवरात्र’ के अंतर्गत आती है जिसमें केवल मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्योति प्रज्वलित कर या जवारे की स्थापना कर देवी की आराधना की जाती है।

ऐसे करें नवरात्रि में देवी की आराधना 

नवरात्रि में किस प्रकार देवी आराधना करना श्रेयस्कर रहेगा? मुख्य रूप से देवी आराधना को हम 3 भागों में विभाजित कर सकते हैं-

1- घटस्थापना, अखंड ज्योति प्रज्वलित करना व जवारे स्थापित करना- श्रद्धालुगण अपने सामर्थ्य के अनुसार उपर्युक्त तीनों ही कार्यों से नवरात्र का प्रारंभ कर सकते हैं अथवा क्रमश: 1 या 2 कार्यों से भी प्रारंभ किया जा सकता है। यदि यह भी संभव नहीं तो केवल घटस्थापना से देवी पूजा का प्रारंभ किया जा सकता है।

2- सप्तशती पाठ व जप- देवीपूजन में दुर्गा सप्तशती के पाठ का बहुत महत्व है। यथासंभव नवरात्र के 9 दिनों में प्रत्येक श्रद्धालु को दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। किंतु किसी कारणवश यह संभव नहीं हो तो देवी के नवार्ण मंत्र का जप यथाशक्ति अवश्य करना चाहिए। !!

पढ़ें :- Summers Protect Basil Plant : गर्मियों में तेज धूप से ऐसे बचाएं पवित्र तुलसी का पौधा , जानें क्या करना चाहिए

नवार्ण मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चै‘!!

3- पूर्णाहुति हवन व कन्याभोज- 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन पूर्णाहुति हवन एवं कन्याभोज कराकर किया जाना चाहिए। पूर्णाहुति हवन दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से किए जाने का विधान है किंतु यदि यह संभव न हो तो देवी के ‘नवार्ण मंत्र’, ‘सिद्ध कुंजिका स्तोत्र’ अथवा ‘दुर्गाअष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र’ से हवन संपन्न करना श्रेयस्कर रहता है।

चैत्र नवरात्र घटस्थापना मुहूर्त

नवरात्र के ये 9 दिन मां दुर्गा की पूजा-उपासना के दिन होते हैं। अनेक श्रद्धालु इन 9 दिनों में अपने घरों में घटस्थापन कर अखंड ज्योति की स्थापना कर 9 दिनों का उपवास रखते हैं।

अभिजीत मुहूर्त

दोपहर 12.00 मिनिट से 12.45 तक प्रात:- 10.45 से दोप. 1.50 तक दोपहर- 3.30 से सायंकाल 5.00 बजे तक सायं 8.00 से 9.30 बजे तक

Advertisement