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देवशयनी एकादशी 2021: चातुर्मास शुरू, भगवान विष्णु क्षीरसागर में निंद्रा में लीन,रुक जाएंगे सारे शुभ कार्य

By अनूप कुमार 
Updated Date

लखनऊ: हिन्दू पंचांग अनुसार प्रत्येक वर्ष के आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। वर्ष 2021 में ये तिथि 20 जुलाई, मंगलवार के दिन पड़ेगी। इस बार यह एकादशी कुछ विशेष है। 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ देव सो जाएंगे और फिर 14 नवंबर से देवोत्थान एकादशी के दिन जागेंगे। भाद्रपद में भगवान गणेश और विष्णु जी के कृष्ण अवतार की पूजा का विधान चातुर्मास इसी तिथि से ही से आरंभ होगा।इन चार महीनों में भगवान विष्णु सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव को दे देते हैं और खुद निद्रा के लिए चले जाते हैं।

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शास्त्रों के अनुसार, ये दिन विशेषरूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस बारे में कहा जाता है कि इसी जिस तिथि पर सूर्य देव मिथुन राशि में अपना स्थान ग्रहण करते हैं उस दिन की रात्रि से भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हुए निंद्रा में चले जाते हैं। यही कारण है कि भगवान श्री हरि के इस शयन काल को चातुर्मास के प्रारंभ के रूप में देखा जाता है, और लगभग चार माह के बाद जब सूर्य देव तुला में विराजमान होते है तब भगवान विष्णु को परंपरागत तरीके से अपने शयनकाल से जगाना पड़ता है, जिसे हिन्दू धर्म में देवोत्थान एकादशी कहा गया है।

कई राज्यों में देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी और आषाढ़ी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो वर्षभर के एकादशी पड़ती हैं और हर एकादशी के दिन व्रत रखने का विधान होता है, जिसकी पारणा कर दान-पुण्य किया जाता है। एकादशी के व्रत को समाप्त करने को ही पारण कहते हैं।

आषाढ़ी या देवशयनी एकादशी 2021
आषाढ़ी एकादशी पारणा मुहूर्त : 05:35:57 से 08:20:29 तक 21, जुलाई को
अवधि : 2 घंटे 44 मिनट

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