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Dream feeding: अगर आपके बच्चे की रात में बार बार भूख से खुल जाती है नींद, चिड़चिड़े न हो इसके लिए अपनाएं ड्रीम फीडिंग

DREAM FEEDING

Dream feeding: अक्सर नवजात बच्चे रात में बार बार नींद से जाग कर भूख की वजह से रोते रहते है। ऐसे में बच्चे को संभालना थोड़ा मुश्किल हो जाता है और बार बार नींद से जागने की वजह से बच्चे चिड़चिड़े हो जाते है।

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रात में बार बार भूख से जागने पर बच्चो को वापस दोबारा सुलाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। आपका न्यू बॉर्न बेबी चिड़चिड़ा न हो और पूरी नींद सोए इसके लिए आप ड्रीम फीडिंग तकनीक ट्राई कर सकती हैं।

क्या होता है ड्रीम फीडिंग (Dream feeding)

ड्रीम फीडिंग में बच्चों को सोने के दौरान ही दूध पिलाने की एक तरीका है। जिसे आप खुद आप सोने से पहले करते है। इसमें बच्चे को जगाए बिना उन्हें दूध पिलाना है। ताकि बार बार वो भूख से न जगे। इसे बच्चों के सोने के बाद करी 10 से 11 बजे के बीच धीमी लाइट की रोशनी में बच्चों को दूध पिलाना है, ताकि उनकी नींद भी न खराब हो और पेट भी भर जाए। ऐसा करने से जो बच्चे रात में बार बार भूख की वजह से रोते हैं वो ऐसा नहीं करेंगे।

ड्रीम फीडिंग ऐसे टाइम पर कराएं जब बच्चा खूब गहरी नींद सो रहा हो। साथ ही उसका पेट खाली हो। कमरे में एकदम हल्की रोशनी रखें। धीरे से बच्चे को अपनी गोद में उठाएं और उसे अपना या बोतल का दूध पिलाएं। ध्यान रहे बच्चे की नींद न खुलने पाएं।

धीरे से अपने नवजात बच्चे को डकार दिलाने की कोशिश करें। फिर उसे उसी जगह सुला दें जहां वो सो रहा था। सोते समय बच्चे को दूध पिलाने से वो देर तक सोएगें। रात में भूख की वजह से बार बार नहीं जाएंगे।

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