गर्मियों में पसीना आना बेहद आम बात है। गर्मी के मौसम में काम करते करते पसीना आना, पैदल चलने पर या फिर शारीरिक श्रम करने पर पसीना आता है। लेकिन जब बिना किसी कारण शरीर से जरूरत से ज्यादा पसीना बहने लगे तो यह आम बात नहीं होती।
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बिना कारण बहुत अधिक पसीना आने को हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों से बहुत अधिक मात्रा में पसीना निकलता है। यह न केवल शारीरिक परेशानी पैदा करता है, बल्कि मानसिक तनाव का कारण भी बन सकता है।
हाइपरहाइड्रोसिस दो प्रकार की होती है। प्राथमिक हाइपरहाइड्रोसिस में पसीना अधिकतर हाथों, पैरों, बगल या चेहरे पर आता है और यह अधिकतर आनुवांशिक कारणों से होती है। यह आमतौर पर किशोरावस्था में शुरू होती है। वहीं, सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस किसी और बीमारी की वजह से होती है, जैसे थायरॉइड, मधुमेह, मोटापा, संक्रमण या हार्मोनल बदलाव। इसमें पसीना पूरे शरीर में आ सकता है और यह किसी दवा के साइड इफेक्ट की वजह से भी हो सकता है।
जरुरत से ज्यादा पसीना आने से स्किन फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण भी हो सकता है। अधिक पसीने से शरीर में नमक और पानी की कमी हो सकती है, जिससे थकान और कमजोरी भी महसूस होती है। इस बीमारी का इलाज संभव है। सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉक्टर द्वारा सुझाए गए मेडिकल एंटीपर्सपिरेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो पसीने को नियंत्रित करने में मदद करता है। कुछ मामलों में बोटॉक्स इंजेक्शन भी कारगर साबित होते हैं, जो पसीने की ग्रंथियों को अस्थायी रूप से ब्लॉक कर देते हैं। इसके अलावा आईओनटोफोरेसिस, जिसमें हल्के करंट के जरिए पसीने की ग्रंथियों की सक्रियता को कम किया जाता है।
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बहुत गंभीर मामलों में सर्जरी की भी सलाह दी जाती है, जिसमें पसीना पैदा करने वाली नसों को काट दिया जाता है। जरुरत से अधिक पसीने को रोकने के लिए आप तनाव को कम करने की कोशिश करें। ढीले और कॉटन के आरामदायक कपड़े पहने।
साथ ही शरीर को साफ-सुथरा रखें। तला भुना और मसालेदार खाने से दूरी बना लें। संतुलित आहार लेना हाइपरहाइड्रोसिस को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। साथ ही, कैफीन, मसालेदार भोजन और धूम्रपान से दूरी बनाना भी फायदेमंद रहता है।
हाइपरहाइड्रोसिस कोई जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन यह जीवन की गुणवत्ता पर असर जरूर डालती है। इसलिए अगर आपको लगता है कि आप जरूरत से ज्यादा पसीने की समस्या से परेशान हैं, तो इसे मामूली न समझें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें।