भारतीय किचन में लोहे की कढ़ाई का इस्तेमाल बेहद आम है। भारतीय परिवारों में मान्यता है कि लोहे की कढ़ाई में पका खाना खाने से शरीर में लोहे की मात्रा की कमी नहीं होती है। भारतीय परिवारों में आज भी सूखी सब्जी या अन्य प्रकार की खाने की चीजें लोहे की कढ़ाई में ही बनायी जाती है। पर क्य़ा आपको पता है कुछ चीजें ऐसी भी है जिन्हें लोहे की कढ़ाई में पका कर खाने से उलटे परिणाम भी हो सकते हैं।
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सभी तरह के खाने की चीजें लोहे की कढ़ाई में बनाने के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। यदि आप भी आंख बंद करके सभी फूड्स को इसमें पकने के लिए रख लेते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिसे लोहे की कढ़ाई में पकाने से स्वाद के साथ सेहत भी बिगड़ने का खतरा रहता है।
जिसमें से टमाटर एक ऐसी चीजों में शामिल है। टमाटर नेचर में एसिडिट होता है। ऐसे में जब इसे लोहे की कड़ाही में पकाया जाता है, तो यह लोहे के साथ प्रतिक्रिया करके व्यंजन के स्वाद को बिगाड़ देता है। इसे खाने से आपको लोहे का स्वाद आ सकता है। लोहे की कढ़ाई में पालक की सब्जी बनाने से भी हानिकारक हो सकती है। पालक ऑक्सालिक एसिड से भरपूर होता है, और जब इसे लोहे की कढ़ाई में पकाया जाता है तो पालक का रंग उड़ जाता है और यह काला हो जाता है।
यह ऑक्सालिक एसिड के साथ प्रतिक्रिया करने वाले आयरन के कारण होता है। इससे भोजन का टेस्ट भी खराब हो सकता है।ज्यादातर लोग लोहे की कड़ाही में ऑमलेट बनाते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आमलेट को कभी भी लोहे की कड़ाही में नहीं बनाना चाहिए। ये सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
अंडे बनाते समय आपने देखा होगा कि वे लोहे की कढ़ाई से चिपक जाते हैं। मछली को कभी भी लोहे की कड़ाही में नहीं पकाना चाहिए। क्योंकि बहुत सारी मछलियां ऐसी होती है, जो परतदार होती हैं, जिससे वह इसमें चिपकने लगती है। यदि आप बहुत अधिक तेल या मक्खन का उपयोग करते हैं, तो भी इसे खुरच कर निकालना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में टेस्ट खराब होने के साथ ज्यादा तेल मक्खन सेहत को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं।