सुकून की नींद सबको पसंद है। हर कोई यही चाहता है नींद से को डिस्टर्ब न करे। बदलती जीवन शैली में रात में बार-बार नींद टूटना आम समस्या बन चुकी है। लोग आपस में इस बात को शेयर करते है और इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते है।
सोने से पहले फोन देखने की आदत से मेलाटोनिन हार्मोन कम होता है, जिससे स्लीप साइकिल बाधित होती है और बार-बार नींद खुलती है।
शरीर में तरल पदार्थ की अधिकता या ब्लैडर की कमजोरी के कारण नींद बीच में टूटती है, खासकर बुजुर्गों में यह समस्या आम है।
कुछ बीमारियां जैसे डायबिटीज, थायरॉइड या हार्मोनल असंतुलन नींद में बाधा डालते हैं और स्लीप क्वालिटी पर असर डालते हैं।
शाम को चाय, कॉफी या अल्कोहल पीने से नींद की क्वालिटी कम हो जाती है। इससे शरीर पूरी तरह रिलैक्स नहीं हो पाता और नींद टूटती है।
रोजाना सोने और उठने का समय अलग-अलग रखने से बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ती है, जिससे रात में बार-बार नींद खुल सकती है।
हर दिन एक जैसा स्लीप टाइम, कैफीन से दूरी, और मेडिटेशन जैसे उपाय अपनाकर नींद की क्वालिटी बेहतर की जा सकती है।
अगर कई हफ्तों तक नींद बार-बार टूट रही है, तो नींद विशेषज्ञ से मिलना जरूरी है। यह स्लीप डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें