खुजराहो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की आधारशिला रखी। इस परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों को फायदा मिलेगा। पीएम ने कहा, इस एक वर्ष में मध्य प्रदेश में विकास को नई गति मिली है। आज भी यहां हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की शुरूआत हुई है। आज ऐतिहासिक केन बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास भी हुआ है। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट का भी लोकार्पण हुआ है और ये मध्य प्रदेश का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट है। मैं इन परियोजनाओं के लिए मध्य प्रदेश को ढेर सारी बधाई देता हूं।
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उन्होंने कहा, आज पूरे विश्व में क्रिसमस की धूम है। मैं देश और दुनिया भर में उपस्थित ईसाई समुदाय को क्रिसमस की ढेर सारी बधाई देता हूं। मोहन यादव जी के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार का एक साल पूरा हुआ है। मध्य प्रदेश के लोगों को, भाजपा के कार्यकर्ताओं को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज श्रद्धेय अटल जी की जन्मजयंती है। आज भारत रत्न अटल जी के जन्म के सौ साल हो रहे हैं। अटल जी की जयंती का ये पर्व, सुशासन की हमारी प्रेरणा का भी पर्व है।
वहीं, इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। पीएम ने कहा, अतीत में कांग्रेस सरकारें, घोषणाएं करने में माहिर हुआ करती थीं। घोषणाएं करना, फीता काटना, दीया जलाना, अखबार में तस्वीर छपवा देना… उनका (कांग्रेस) काम वहीं पूरा हो जाता था और उसका फायदा लोगों को नहीं मिल पाता था। साथ ही कहा, सुशासन का मलतब भी यही है कि अपने ही हक के लिए नागरिकों को सरकार के सामने हाथ न फैलाना पड़े, सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। यही तो शत प्रतिशत लाभार्थी को शत प्रतिशत लाभ से जोड़ने की हमारी नीति है।
पीएम ने कहा, दशकों तक, मध्य प्रदेश के किसानों, माताओं और बहनों ने बूंद बूंद पानी के लिए संघर्ष किया। क्योंकि कांग्रेस ने कभी जल संकट के स्थाई समाधान के लिए सोचा ही नहीं। जब देश में अटल जी की सरकार बनी, तब उन्होंने पानी से जुड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए गंभीरता से काम शुरू किया था। लेकिन 2004 में जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनी, कांग्रेस ने अटल जी के सभी प्रयासों को ठंडे बस्ते में डाल दिया। आज सात दशक बाद भी देश के अनेक राज्यों के बीच पानी को लेकर कुछ न कुछ विवाद है। जब पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, कांग्रेस का राज था, तब ये विवाद आसानी से सुलझ सकते थे। लेकिन कांग्रेस की नीयत खराब थी इसलिए उसने कभी भी ठोस प्रयास नहीं किए।