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केजरीवाल सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए बनाई टास्क फोर्स

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने तैयारियों को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए है।

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श्री केजरीवाल ने कहा कि अगर कोरोना वायरस की तीसरी लहर आती है, तो उससे लड़ने के लिए हमें पहले से ही तैयार रहना होगा। तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं का पहले से ही प्रबंध करना होगा, इसके लिए अधिकारियों की एक समिति बनाई जाएगी। अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति और उसकी उपलब्धता को लेकर प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दिल्ली में लगाए जा रहे सभी ऑक्सीजन प्लांट के कार्यों को समय से पूरा किया जाए और भंडारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। बैठक में उप मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव समेत स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना वायरस संक्रमण की मौजूदा दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर के भी आने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि तीसरी लहर का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ सकता है। इसी के मद्देनजर श्री केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।

बैठक में विचार-विमर्श किया गया कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो उसका मुकाबला कैसे किया जाएगा? तीसरी लहर का बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए बहुत सी तैयारियां करनी होंगी। इसके लिए अस्पतालों में बेड का प्रबंधन महत्वपूर्ण है। इस बात पर विचार किया गया कि तीसरी लहर के दौरान दिल्ली में अधिकतम कितने मामले आने की आशंका है और उसके लिए कितने बेड की आवश्यकता पड़ेगी? अधिकारियों ने एक अनुमानित आकलन के अनुसार बताया कि तीसरी लहर के दौरान करीब 40 हजार बेड की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए हमें पहले से ही तैयार रहना होगा। इन 40 हजार बेड में से करीब 10 हजार आईसीयू बेड होने चाहिए।

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बैठक में निर्णय लिया गया कि तीसरी लहर को लेकर एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस टास्क फोर्स में वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। यह टास्क फोर्स बच्चों पर कोरोना का क्या असर होगा, उस प्रभाव को कैसे कम किया जा सकेगा और बच्चों को इससे कैसे बचाया जा सकेगा, आदि पहलुओं पर गौर करेगी और उसके मुताबिक उचित निर्णय लेगी।

बैठक में ऑक्सीजन और दवाओं के प्रबंधन पर भी विस्तार से चर्चा हुई। इसमें तय किया गया कि ऑक्सीजन और दवाओं का पहले से ही प्रबंध करना होगा। ऑक्सीजन की आपूर्ति और उसकी उपलब्धता को लेकर प्राथमिकता के आधार पर काम करना होगा। इस बात पर बल दिया गया कि किसी भी हालत में ऑक्सीजन की कालाबाजारी न होने पाए। कालाबाजारी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे, ताकि जरूरतमंदों को यह आसानी से उपलब्ध हो सके। इस पर निगरानी रखने के लिए अधिकारियों की एक समिति बनाई जाएगी।

श्री केजरीवाल ने कहा कि अगर बड़े पैमाने पर बेड बढ़ाए जायेंगे, तो उसके लिए बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की भी जरूरत पड़ेगी। इसके लिए भी तैयारी करनी होगी, ताकि एकाएक ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है, तो उसको पूरा किया जा सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि इसके लिए दिल्ली सरकार पहले से ही ऑक्सीजन टैंकर खरीद कर रखेगी और बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर भी खरीदे जाएंगे, ताकि अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाने में कोई समस्या न आए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विभिन्न अस्पतालों में जो ऑक्सीजन के प्लांट लगाए जा रहे हैं, उनको भी समय पर पूरा किया जाए और ऑक्सीजन के भंडारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए, ताकि अगर ऑक्सीजन की जरूरत पड़े, तो उस दौरान भगदड़ की स्थिति न पैदा हो।

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