कई लोगो को खाने के बाद अक्सर सीने में जलन औऱ एसिडिटी की दिक्कत होने लगती है। इसकी वजह से न बैठते बनता है और सोते। अजीब सी बेचैनी महसूस होती रहती है। यह एसिडिटी बहुत अधिक बढ़ जाती तो एसिड रिफ्लक्स बन जाती है। लंबे समय तक एसिड रिफ्लक्स की दिक्कत होने पर अल्सर और एसोफैगाइटिस जैसी गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है।
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एसिड रिफ्लक्स में पेट और सीने में जलन के साथ दर्द होता है। साथ ही कुछ भी निगलने में परेशानी होती है। साथ ही ऐसा लगता है जैसे गले में कुछ अटका हुआ है और खाना खाने के बाद भारीपन महसूस होने लगता है। खट्टी डकार आने लगती है। इसके अलावा कई दिक्कतें होने लगती है।
एसिड रिफ्लक्स तब होता है जब पेट का एसिड एसोफैगल में बहता है। दरअसल, एसिड रिफ्लक्स एक आम पाचन समस्या है जिसमें पेट का एसिड भोजन नली (फूड पाइप) (ईसोफेगस) में वापस आ जाता है। इससे सीने में जलन (हार्टबर्न) और गले में खट्टा या कड़वा स्वाद महसूस होता है। यदि यह समस्या बार-बार होती है तो इसे गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज कहा जाता है। यदि आपको हफ्ते में दो बार या अधिक बार एसिड रिफ्लक्स का अनुभव होता है, तो यह गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग या जीईआरडी की स्थिति हो सकती है।
एसिड रिफ्लक्स तब होता है जब पेट और भोजन नली के बीच स्थित लोअर एसोफेजियल स्फिंक्टर ठीक से काम नहीं करता। यह एक मांसपेशी वाल्व होता है जो सामान्यतः भोजन को पेट में जाने के बाद बंद हो जाता है। लेकिन जब यह कमजोर हो जाता है या सही से बंद नहीं होता तो पेट का एसिड वापस ऊपर आ जाता है जिसके बाद एसिडिटी, सीने की जलन, खट्टे-कड़वे डकार, मुंह से बदबू जैसी समस्याएं शुरू हो जाती है।
एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए आप गुनगुना पानी या सौंफ का पानी पीएं। ऐसा खाना खाने के 45 मिनट बाद करें। एक गिलास ठंडा दूध पीने से जलन में आराम मिलता है। अदरक या मुलेठी या खाने के बाद इलायची चबाएं या इलायची वाला दूध पीएं।