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यहां सुरक्षित सिर्फ अपराधी हैं, जिन्हें सरकार का संरक्षण है प्राप्त…कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सुप्रिया श्रीनेत ने ​नीतीश सरकार को घेरा

By शिव मौर्या 
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पटना। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत पे बिहार के पटना में प्रेस कॉफ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने कहा, बिहार में सत्ता में काबिज लोगों ने मर्यादा, नैतिकता और सार्वजनिक जीवन में लोकलाज की धज्जियां उड़ा दी हैं। बिहार सरकार में नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा को नकली दवा सप्लाई करने के मामले में दोषी पाया गया है। एक जमाना था-जब किसी नेता पर आरोप लगता था तो वो तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देता था, क्योंकि सार्वजनिक जीवन में मर्यादा और नैतिकता होती है। लेकिन आज जीवेश मिश्रा बेधड़क, बेखौफ मंत्री बनकर घूम रहे हैं और उन्हें ‘डबल इंजन सरकार’ अपना समर्थन दे रही है। कोई शर्म नहीं है।

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इसके साथ ही उन्होंने बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, देश की आजादी को 7 दशक से ज्यादा हो गया है, लेकिन आज भी बिहार में दिनदहाड़े हत्याओं का सिलसिला जारी है। कोई दिन ऐसा नहीं बीतता, जब बिहार के अखबारों में बच्ची के रेप, हत्या और छोटे बच्चों के साथ कुकर्म की घटनाएं सामने नहीं आती। बिहार में अपराध के मामलों में साल 2005-2022 के बीच 323% की वृद्धि हुई है।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, हत्या के मामले में बिहार राज्य देश में यूपी के बाद दूसरे नंबर पर है। हत्या की कोशिश के मामले में बिहार राज्य देश में दूसरे नंबर पर है। हत्या, रेप, अपहरण, फिरौती, डकैती के मामले 200% तक बढ़े हैं। बिहार में महिला अपराध में 336% की वृद्धि हुई है, करीब एक लाख 17 हजार मामले अदालतों में लंबित हैं। महिला अपहरण में 1000% की वृद्धि हुई है और करीब 62 हजार बच्चे कुकर्म-दुष्कर्म का शिकार हुए हैं। दलित उत्पीड़न के मामले में बिहार देश में दूसरे नंबर पर है। ये आंकड़े दिखाते हैं कि बिहार में बच्चे, कारोबारी, महिलाएं, दलित, पिछड़े और आदिवासी सुरक्षित ही नहीं है। यहां सुरक्षित सिर्फ अपराधी हैं, जिन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है। राज्य के हर जिले में महिलाएं असुरक्षित हैं। जगह-जगह गैंगवार हो रहे हैं और JDU-BJP सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

यही नहीं उन्होंने कहा, बिहार में सबसे ज्यादा सुरक्षित एक कुत्ता है। यहां एक सांसद जी का कुत्ता खो गया, तो उसे खोजने के लिए पूरा पुलिस प्रशासन लग गया और अंत में खोज निकाला। लेकिन काश इसी प्रतिबद्धता से बिहार सरकार और प्रशासन यहां के बच्चों, कारोबारियों और महिलाओं को भी बचा पाते। सवाल है कि क्या बिहार सरकार और प्रशासन बच्चों, कारोबारियों और महिलाओं के लिए नहीं हैं-आखिर यह सरकार किसके लिए चल रही है? सवाल ये भी है कि बिहार अपराध और रक्त रंजन से क्यों भर चुका है?

 

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