आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बच्चों से लेकर बड़ों तक को स्ट्रेस से गुजरना पड़ता है। किसी को रोजी रोजगार,नौकरी पेशे का स्ट्रेस तो किसी को पढ़ाई लिखाई और अपने भविष्य स्ट्रेस। लगातार स्ट्रेस हर आयु वर्ग के लोगो की मेंटल हेल्थ पर सीधा असर डालती है।
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आज के समय में मेंटल हेल्थ के मामले में लगातार बढ़ रहे हैं। इतनी आबादी होने के बावजूद बहुत से लोग अकेलापन महसूस करते हैं, जो मेंटल हेल्थ पर नेगेटिव असर डालने का काम कर रही है। काम का बहुत ज्यादा प्रेशर, पर्सनल प्रॉब्लम्स आदि मेंटल हेल्थ का एक बड़ा कारण माना जा रहा है।
भागदौड़ से लेकर ऑफिस के दबाव तक खुशी के पल पाना लगातार मुश्किल होता जा रहा है। हालांकि, इससे निकलना बेहद जरूरी है क्योंकि लंबे समय तक तनाव मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। जिससे डायबिटीज ब्लड प्रेशर और हार्ट की बीमारी जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।मेंटल हेल्थ के लक्षणों को पहचानना भी जरूरी है।
लगातार उदासी या निराशा, चिंता या भय का अत्यधिक अनुभव और गुस्सा या चिड़चिड़ापन होना इसके लक्षण हैं। इसके अलावा नींद में समस्या, भूख कम या ज्यादा लगना, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी और निर्णय लेने में होने वाली कठिनाई भी इसके कारण हो सकते हैं।यूके मेंटल हेल्थ फाउंडेशन हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर तनाव के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए कुछ उपाय बताए हैं।
ध्यान और योग तनाव के खिलाफ लड़ाई करते हैं, जो मानसिक शांति के लिए बेहद जरूरी हैं। नियमित ध्यान सत्र मन को शांत करने में मदद करते हैं, जबकि योग शारीरिक लचीलापन और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है। इसके अलावा दौड़ने, तैरने या साइकिल चलाने जैसे दैनिक व्यायाम करने से एंडोर्फिन निकलता है, जो शरीर के प्राकृतिक मूड को बढ़ाता है।
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सकारात्मक मानसिक स्थिति को बढ़ावा देता है और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है। प्रकृति का हमारे स्वास्थ्य पर कितना प्रभाव है, इसे कम करके नहीं आंका जा सकता। हरे-भरे पार्कों या सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के बीच बाहर समय बिताना तनाव को काफी हद तक कम कर सकता है।
मेंटल हेल्थ को बेहतर रखने के लिए शारीरिक और मानसिक एक्सरसाइज जरुर करें।
देर रात तक काम करते रहना या मोबाइल में व्यस्त रहने की बजाय पर्याप्त नींद लें।
हेल्दी डाइट लें। पर्य़ाप्त नींद लें। खुश रहे और शराब और धूम्रपान से बचें।