Interesting stories related to Arun Jaitley: पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के प्रमुख नेता रहे अरुण जेटली (Arun Jaitley) का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 28 दिसंबर 1952 में हुआ था। उनके पिता महाराज किशन जेटली पेशे से वकील थे और उनकी माता का नाम रतन प्रभा जेटली था।
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उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल नई दिल्ली में पूरी की। श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स नई दिल्ली से उन्होंने कॉमर्स में स्नातक की शिक्षा ली। जबकि 1977 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से विधि की डिग्री प्राप्त की। 1974 में अरुण जेटली (Arun Jaitley) दिल्ली विवि के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे।
1991 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। वे 1999 में भाजपा के प्रवक्ता बनाए गए। उन्हें 13 अक्टूबर 1999 को सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया। 23 जुलाई 2000 को कानून, न्याय और कंपनी मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला।
उन्हें नवम्बर 2000 में एक कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया था और एक साथ कानून, न्याय और कंपनी मामलों और जहाजरानी मंत्री बनाया गया था। 26 मई 2014 को, जेटली को नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वित्त मंत्री के रूप में चुना गया
ये हैं उनसे जुड़े दिलचस्प किस्से
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जब दोस्त की कार का जुगाड़ और पेट्रोल के पैसे जुटा कर देखने गए थे बॉबी फिल्म
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार किशोर कुमार, सायरा बानो और सुनील दत्त की फिल्म ‘पड़ोसन’ उनकी फेवरेट फिल्म थी और कहा जाता है कि उन्होंने यह फिल्म 50 बार देखी थी। एक वेबसाइट पर प्रकाशित लेख के अनुसार अरुण जेटली (Arun Jaitley) जब छात्र नेता के तौर पर अधिक चर्चित नहीं थे उन दिनों बॉबी फिल्म को देखने के लिए दोस्त की कार और उसमें भराने के लिए पैसे जुटाकर देखने पहुंचे थे।
सन् 1973 में जब अरुण जेटली (Arun Jaitley) छात्र नेता चर्चित नहीं थे उन दिनों बॉबी फिल्म की खूब चर्चा थी। इस फिल्म में मुख्य भूमिका में डिंपल कपाड़ियां और ऋषि कपूर थे। बॉबी दोनो की पहली फिल्म थी। उन दिनों इस फिल्म का हर युवा दीवाना था। फिल्म दिल्ली में रिलीज न होने की वजह से अरुण जेटली (Arun Jaitley) और उनके साथी नहीं देख पाए थे। तब एक दोस्त ने सुझाव किया क्यों न यह फिल्म गुड़गांव जो अब गुरुग्राम के नाम से जाना जाता है। चलकर देखी जाए। तब एक दोस्त की कार और पेट्रोल के पैसे जुटा कर वे फिल्म देखने गए थे।
जब आपातकाल में पहुंच गए थे तिहाड़ जेल
कॉलेज के दिनों में अरुण जेटली (Arun Jaitley) आरएसएस के छात्र विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय हुए। जब देश में 25 जून 1975 में आपातकाल लगा तब वे दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष थे। इस दौरान उन्होंने आपातकाल का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का पुतला जलाया था। इसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। जहां उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण अडवानी के साथ 19 महीने बिताया।
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अरुण जेटली (Arun Jaitley) के लिए कहा जाता है कि उन्हें कार चलानी नहीं आती थी और न हीं उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस था। अरुण जेटली बॉलीवुड एक्टर देवानंद के जबरदस्त फैन थे और कहा जाता है कि उन्होंने देवानंद से मुलाकात की तस्वीर अपने ऑफिस में टांगी थी। अरुण जेटली ने 24 अगस्त 2019 में दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली थी।