Word Asthma Day: अस्थमा रोग में सांस लेने में बहुत अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह बीमारी बच्चे और बड़े दोनो को ही होती है। अस्थमा लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है, जो फेफड़ों में एयरवेज को प्रभावित करती है। एयरवेज के सहारे फेफड़ों से हवा अंदर और बाहर जाती है।
पढ़ें :- Lucknow News : माउंट फोर्ट इंटर कॉलेज में कक्षा 6 के बच्चे की हार्ट अटैक से मौत!
अस्थमा (Asthma) के कारण एयरवेज यानी वायुमार्ग में कभी कभी सूजन और संकुचन भी हो सकता है। इससे सांस छोड़ने और लेने से वायुमार्ग से हवा का बाहर निकलना कठिन हो जाता है। भारत में अस्थमा के लगभग तीन प्रतिशत यानी तीस मिलिनयन रोगी है।
अस्थमा (Asthma) के कारण
प्रदूषण के संपर्क में रहना, अधिक धूम्रपान करना, लंबे समय तक रेस्पिरेटरी इंफेक्शन या वायरल संक्रमण से प्रभावित होने औऱ बहुत अधिक तनाव लेने की वजह से अस्थमा होता है।
अस्थमा (Asthma) रोग के लक्षण
पढ़ें :- winter shuper food: सर्दियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ये खाएं सुपरफूड, रक्त शर्करा को प्रभावित नहीं करते
अस्थमा (Asthma) के रोगियों को गले में घरघराहट रहती है और सांस लेने में सीटी बजने जैसी आवाज आती है। रात के समय या फिर हंसते समय खांसी आने लगती है। सीने में जकड़न, सांस लेने में दिक्कत, बात करने में दिक्कत,थकान, छाती में दर्द, जोर जोर से सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण होते हैं।
अस्थमा (Asthma) से बचने के लिए घरेलू उपचार
अस्थमा (Asthma) के रोगियों को गर्म खाना खाना चाहिए। प्रोटीन, हरे पत्ते वाली सब्जियां, बींस, गाजर,पत्तागोभी , फूलगोभी, प्याज,अंकुरित अनाज , अंडा आदि मानसून के दौरान खाने से राहत मिलती है।इसके अलावा स्टीम लेने से भी आराम मिलती है।
धूल मिट्टी और नम दीवारों की वजह से अस्थमा फैलने का कारण बनती है। इसलिए इससे दूर रहें। अपने बिस्तर, चादर को साफ रखें। घर में घूल मिट्टी न जमने दें। इसके अलावा बारिश के दिनों में अपना खास ख्याल रखें।धूम्रपान और धूम्रपान वाले क्षेत्र से दूर रहें। नियमित दवाओं का सेवन करें।
अस्थमा से पीड़ित कुछ लोगों के लिए परफ्यूम, सफाई एजेंट या केमिकल जैसी तेज गंध ट्रिगर हो सकती है। अच्छा वेंटिलेशन करने के लिए और ऐसे इस्टिमुलेंट के संपर्क से बचना मददगार हो सकता है।
पढ़ें :- Toxic Cough Syrup Scandal : UPSTF की जांच में बड़ा खुलासा, फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से लिया ड्रग लाइसेंस, अब ड्रग इंस्पेक्टरों पर गिरेगी गाज
बिल्लियों, कुत्तों जैसे जानवरों की त्वचा के टुकड़े, मूत्र या लार में मौजूद एलर्जी अस्थमा के लक्षणों का कारण बन सकती है। अस्थमा से पीड़ित लोगों को ऐसे एलर्जी कारकों के निकट संपर्क या जोखिम से बचना चाहिए।
धूल के कण छोटे जीव होते हैं जो गद्दे, तकिए, कालीन और असबाब में पनपते हैं। उनके अपशिष्ट कण उन लोगों में दमा की प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकते हैं जिन्हें उनसे एलर्जी है।