बच्चों को पोलियो का अधिक खतरा रहता है। इसलिए पोलियो को लेकर तमाम जागरुकता अभियान चलाये जाते है साथ ही एंटी पोलियो दवाएं पिलाई जाती है। भारत उन देशो में से है जिन्हें पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया है। पोलियों की बीमारी से सबंधित जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 24 अक्टूबर या यानि आज के दिन विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। पोलियो के लक्षण, कारण इससे बचाव के उपाय क्या है।
पढ़ें :- कहीं मच्छरों को मारने के लिए आप भी नहीं कर रहे हैं कॉइल का अधिक इस्तेमाल, तो जान लें इससे होने वाले नुकसान
पोलियो की बीमारी का वायरस आमतौर पर दूषित भोजन और गंदे पानी से फैलता है। जब पोलियो से संक्रमित कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आता है तो इससे बीमारी उस व्यक्ति तक भी फैल सकती है।
साफ-सफाई की कमी और कमजोर इम्यून पॉवर के कारण पोलियो तेजी से फैलता है। ऐसे लोग जो प्रदूषित क्षेत्रों में रहते हैं या गंदे पानी के सम्पर्क में आते हैं, उनमें पोलियो फैलने का रिस्कअन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। छोटे बच्चों का शरीर और इम्यून पॉवर बहुत कमजोर होती है। ऐसे में 5 साल से छोटे बच्चों में पोलियो फैलने का रिस्क भी अधिक होता है।
पोलियो के लक्षण क्या हैं?
बीमारी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं और कुछ मरीजों में पोलियो के गम्भीर लक्षण तो कुछ में हल्के लक्षण दिखायी दे सकते हैं। पोलियो के लक्षण 5 साल से छोटे बच्चों में दिखायी देते हैं जो उम्र के साथ गम्भीर हो सकते हैं। पोलियो के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं-
बुखार
कमजोरी और थकान
सिर में दर्द
मतली
मसल्स में दर्द
गर्दन और पीठ में अकड़न
पढ़ें :- Video-नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी ने स्टेज-4 कैंसर से जीती जंग, डॉक्टर बोले थे बचने की संभावना सिर्फ़ 3 फीसदी, इस डाइट को किया फॉलो
बच्चों को पोलियो से सुरक्षित रखने के लिए करें ये उपाय
पोलियो से बचाने के लिए बच्चों को नियमित पोलियो वैक्सीन दिलाएं।
वायरस का प्रभाव जहां अधिक हो वहां रहने वाले बच्चों को वैक्सीन की हर खुराक दिलाने की सलाह दी जाती है।
बच्चों की साफ-सफाई का ध्यान रखें और उन्हें साबुन से हाथ धोने और खुद की साफ-सफाई से जुड़ी सभी बातें सिखाएं।
दूषित पानी पीने और दूषित खाना खाने से बचें।