नई दिल्ली। दक्षिण की राजनीति में गुरुवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला है। आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव (Andhra Pradesh Assembly Elections) से पहले वाईएस शर्मिला (YS Sharmila) की पार्टी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (YSR Telangana Party) का कांग्रेस में विलय हो गया है। पहले कर्नाटक फिर तेलंगाना विधानसभा चुनावों (Telangana Assembly Elections) में कांग्रेस को जीत मिली। इसके बाद यह विलय पार्टी के लिए आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव काफी अहम साबित हो सकता है।
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— Congress (@INCIndia) January 4, 2024
बता दें कि दिल्ली वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस.जगन मोहन रेड्डी की बहन वाई.एस.शर्मिला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुईं।
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आगामी लोकसभा चुनावों से पहले वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (YSR Telangana Party) की संस्थापक वाईएस शर्मिला (YS Sharmila) ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया है। शर्मिला के कांग्रेस के साथ जाने से उनके भाई और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को बड़ा झटका लगा है। शर्मिला अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी (Former Chief Minister of Andhra Pradesh, late YS Rajasekhara Reddy) की बेटी हैं।
वाईएस शर्मिला ने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि वाईएसआर तेलंगाना पार्टी आज से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस (Congress) अभी भी हमारे देश की सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और इसने हमेशा भारत की सच्ची संस्कृति को बरकरार रखा है और हमारे राष्ट्र की नींव का निर्माण किया है।
उन्होंने कहा कि वाईएसआर ने तेलुगु लोगों की सेवा में अपना जीवन दे दिया। आज मेरे पिता की आत्मा को बेहद ख़ुशी हो रही होगी की उनकी बेटी ने उनके कदमों पर चलने का फ़ैसला किया। मुझे खुशी है कि मैं कांग्रेस में रह कर अपने पिता के इस सपने को पूरा करने में मदद करूंगी, जहां उन्होंने राहुल गांधी के पीएम होने सपना देखा था। वहीं उन्होंने कहा कि ईसाई होने के नाते मणिपुर में जो हुआ, उसने मुझे बेहद पीड़ा पहुंचाई। वहां इतने लोग मारे गए, सैकड़ों चर्च जला दिए गई।
तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस को दिया था समर्थन
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बता दें कि शर्मिला ने तेलंगाना चुनाव के दौरान कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा भी की थी। तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly Elections) के दौरान शर्मिला ने के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार के कथित भ्रष्ट और जनविरोधी शासन के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। शर्मिला 2021 तक वाईएसआर कांग्रेस का भी हिस्सा थीं।