वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक (45th meeting of GST Council) 17 सितंबर को होगी। बता दें कि कोरोना काल में कई लोग रेस्तरां में जाकर खाना खाने के बजाय घर पर खाना ऑर्डर किया, लेकिन अब ऑनलाइन फूड डिलीवरी (Online Food Delivery) महंगी हो सकती है। 45वीं बैठक जीएसटी काउंसिल (GST Council)इस पर विचार करेगी। कमेटी ने फूड डिलीवरी एप्स (Food Delivery Apps) को कम से कम पांच फीसदी जीएसटी (GST) के दायरे में लाने की सिफारिश की है।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक (45th meeting of GST Council) 17 सितंबर को होगी। बता दें कि कोरोना काल में कई लोग रेस्तरां में जाकर खाना खाने के बजाय घर पर खाना ऑर्डर किया, लेकिन अब ऑनलाइन फूड डिलीवरी (Online Food Delivery) महंगी हो सकती है। 45वीं बैठक जीएसटी काउंसिल (GST Council)इस पर विचार करेगी। कमेटी ने फूड डिलीवरी एप्स (Food Delivery Apps) को कम से कम पांच फीसदी जीएसटी (GST) के दायरे में लाने की सिफारिश की है। ऐसे में ग्राहकों को स्विगी(SWIGGY), जोमैटो(ZOMATO), आदि से खाना मंगाना महंगा पड़ सकता है।
एक जनवरी 2022 से हो सकता है प्रभावी
2019-20 और 2020-21 में दो हजार करोड़ रुपये के जीएसटी घाटे का अनुमान लगाते हुए, फिटमेंट पैनल (Fitment Panel)ने सिफारिश की है कि फूड एग्रीगेटर्स को ई-कॉमर्स ऑपरेटरों (E-commerce operators to food aggregators) के रूप में वर्गीकृत किया जाए और संबंधित रेस्तरां की ओर से जीएसटी (GST ) का भुगतान किया जाए। कई रेस्तरां जीएसटी का भुगतान नहीं कर रहे हैं, जबकि कुछ पंजीकृत भी नहीं हैं। रेट फिटमेंट पैनल (Rate Fitment Panel) ने सुझाव दिया है कि यह बदलाव एक जनवरी 2022 से प्रभावी हो सकता है।
पेट्रोलियम पदार्थ भी आ सकते हैं GST के दायरे में
इसके साथ ही एक या एक से अधिक पेट्रोलियम पदार्थों- पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) को भी जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। केरल हाईकोर्ट की ओर से पेट्रोल व डीजल को जीएसटी (GST ) के दायरे में लाए जाने के निर्देश के बाद जीएसटी परिषद के समक्ष यह मामला शुक्रवार को लाया जाएगा।
इन मुद्दों पर भी हो सकती है चर्चा
कोरोना वायरस महामारी की आशंकाओं के बीच जीएसटी परिषद (GST Council) की यह बैठक बेहद अहम है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बैठक में अन्य चीजों के अतिरिक्त कोविड-19 से संबंधित आवश्यक सामान पर रियायती दरों की समीक्षा की जा सकती है। इसके साथ ही इस बैठक में राज्यों को राजस्व नुकसान पर मुआवजे पर भी चर्चा हो सकती है। कोविड-19 की दूसरी लहर से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। जनता पर महंगाई का बोझ भी बढ़ा है। ऐसे में वित्त मंत्री की अगुवाई में होने वाली यह बैठक बेहद अहम है।
लगातार दूसरे महीने एक लाख करोड़ पार रहा GST संग्रह
मालूम हो कि सरकार का माल एवं सेवा (GST) संग्रह अगस्त 2021 में 1,12,020 करोड़ रुपये रहा है। वित्त मंत्रालय ने बताया कि अगस्त में 1,12,020 करोड़ रुपये के कुल जीएसटी संग्रह में सकल जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी (CGST) की हिस्सेदारी 20,522 करोड़ रुपये रही, राज्य जीएसटी (SGST) की हिस्सेदारी 26,605 करोड़ रुपये रही, एकीकृत जीएसटी (IGST) की हिस्सेदारी 56,247 करोड़ रुपये और सेस (Cess) की हिस्सेदारी 8,646 करोड़ रुपये रही।