मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश भर में मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल का दान किया है। इसके पीछे पौराणिक मान्यता है कि इस दिन सूर्य अपनी राशि से निकल अपने पुत्र शनि देव की राशि मकर में प्रवेश करते है। इसलिए इस त्योहार का नाम मकर संक्रांति रखा गया है। इसे ‘खिचड़ी पर्व’ भी कहते है।
Astro Tips : मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश भर में मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल का दान किया है। इसके पीछे पौराणिक मान्यता है कि इस दिन सूर्य अपनी राशि से निकल अपने पुत्र शनि देव की राशि मकर में प्रवेश करते है। इसलिए इस त्योहार का नाम मकर संक्रांति रखा गया है। इसे ‘खिचड़ी पर्व’ भी कहते है। इस दिन अन्न के रूप में खिचड़ी और तिल के दान का महत्व है। ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए तिल का दान करने की मान्यता है। शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद देव का सरसों के तेल और काले तिल से अभिषेक करने से ये प्रसन्न हो जाते है। शनि मंदिर में भगवान शनिदेव का दर्शन कर उनकी कृपा प्राप्त करना बहुत शुभ माना जाता है।
ज्योतिष उपचारों के अनुसार ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति पर तिल से सूर्यदेव की पूजा करने पर आरोग्य सुख में वृद्धि और तिल के दान से शनि संबंधी सभी दोष दूर होते हैं और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है