स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ज्ञानवापी में मौजूद कथित शिवलिंग की पूजा करने जा रहे थे इस दौरान उन्हें केदारघाट स्थित मठ को पुलिस ने घेर लिया है। पुलिस की इस एक्शन से नाराज अविमुक्तेश्वरानंद पूजा होने तक अन्न जल त्याग कर अपने मठ के गेट पर अनशन पर बैठ गए हैं।
वाराणसी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ज्ञानवापी में मौजूद कथित शिवलिंग की पूजा करने जा रहे थे इस दौरान उन्हें केदारघाट स्थित मठ को पुलिस ने घेर लिया है। पुलिस की इस एक्शन से नाराज अविमुक्तेश्वरानंद पूजा होने तक अन्न जल त्याग कर अपने मठ के गेट पर अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि या तो ज्ञानवापी के शिवलिंग की उन्हें पूजा करने दिया जाए, या फिर प्रशासन पूजा पाठ कर उन्हें अवगत कराए।
बता दें कि ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द को संदेश भेजा था कि ज्ञानवापी में प्रकट हुए आदि विश्वेश्वर का पूजन शुभ मुहूर्त देखकर अविलंब आरंभ कर दिया जाए। अपने गुरु के निर्देशों का पालन करने निकले अविमुक्तेश्वरानंद को ज्ञानवापी में जा कर के पूजा पाठ करने की इजाजत नहीं मिली। अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि एक बार कोई पूजा के लिए निकल जाता है तो बिना पूजा किये भोजन नहीं करता है।
हम भी पूजा के लिए निकल चुके थे। अब जब तक पूजा नहीं कर लेते भोजन नहीं कर सकते हैं। अब मठ में वापस भी नहीं जा सकते हैं। इसलिए पूजा की इजाजत मिलने तक गेट पर ही बैठेंगे। आपको बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद के वुजूखाने में मिली आकृति को आदि विश्वेश्वर शिवलिंग मानते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने चार जून को वहां जलाभिषेक कर पूजन करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि उनके साथ 71 भक्तों का जत्था होगा।