उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले में स्थित साक्षात भू बैकुंठ कहे जाने वाले बद्रीनाथ धाम मंदिर (Badrinath Dham Temple) के कपाट गुरुवार को प्रातः 7 बजकर 10 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार और पवित्र विष्णु सहस्रनाम के मंत्रोच्चार (Chanting of Vishnu Sahasranama) के साथ खुल गये। मंदिर 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है।
बद्रीनाथ, चमोली। उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले में स्थित साक्षात भू बैकुंठ कहे जाने वाले बद्रीनाथ धाम मंदिर (Badrinath Dham Temple) के कपाट गुरुवार को प्रातः 7 बजकर 10 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार और पवित्र विष्णु सहस्रनाम के मंत्रोच्चार (Chanting of Vishnu Sahasranama) के साथ खुल गये। मंदिर 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है।
अवसर पर हजारों संत महात्मा और भारत के विभिन्न राज्यों से आए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल की एक झलक पाने के लिए पंक्ति बद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
Today, Shri Badrinath ji dham were opened with rituals for the darshan of the devotees.
Please come and take blessings.Jay Badrivishal 🙏 #Vishnu #Badrinath #badrinathyatra2023 pic.twitter.com/mPVqmE6WA0
— Know Your Temples "जानें अपने मंदिर" (@KnowYourTemples) April 27, 2023
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भगवान बदरी विशाल (Lord Badri Vishal) के कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह 04 बजे से आरंभ हो गयी थी । विभिन्न प्रक्रियाओं के बाद सबसे पहले बद्रीनाथ के रावल मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी (Rawal chief priest of Badrinath Ishwari Prasad Namboodiri) ने मंदिर में प्रवेश किया। ठीक 07 बजकर 10 मिनट पर भगवान के द्वार खुले और इसके बाद प्रवेश द्वार सि़ंह द्वार के द्वार खुले।
इस मौके पर पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई। श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट के अवसर पर हजारों संख्या में श्रद्वालु मौजूद रहे। सुबह चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। कुबेर जी, श्री उद्वव जी व गाडू घडा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हकहकूधारी एवं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासन व हजारों श्रद्वालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए।
मुख्य पुजारी वी.सी. ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय की कामना की। पहली पूजा प्रधानमंत्री मोदी के नाम से की गई। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए बद्रीनाथ के दर्शन शुरू हो गए है।
हल्की बर्फबारी तथा बारिश के बीच सेना की टुकडी ने बैण्ड की मधुर धुन तथा स्थानीय महिलाओं के पारम्परिक संगीत तथा नृत्य के साथ भगवान बद्रीनाथ की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों के अनुरूप बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर तीर्थ यात्रियों के स्वागत में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गयी, जिससे श्रद्वालु गदगद हो उठे। कपाट खुलने के एक दिन पूर्व से ही बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बद्रीनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया।
बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही भू-बैकुण्ठ धाम के आसपास तप्तकुण्ड, नारद कुण्ड, शेष नेत्र झील, नीलकण्ठ शिखर, उर्वशी मन्दिर, ब्रह्म कपाल, माता मूर्ति मन्दिर तथा देश के प्रथम गांव माणा, भीमपुल, वसुधारा जल प्रपात एवं अन्य ऐतिहासिक व दार्शनिक स्थलों पर भी श्रद्वालुओं एवं पर्यटकों की भीड जुटने लगी है।
विगत वर्षो में लाखों श्रद्वालु बद्रीनाथ की यात्रा कर चुके है। पिछले आंकडो पर नजर डाले तो वर्ष 2016 में 654355, वर्ष 2017 में 920466 तथा वर्ष 2018 में 1048051, वर्ष 2019 में 1244993 तथा वर्ष 2020 में 155055 श्रद्वालु बद्रीनाथ पहुॅचे। वर्ष 2021 में कोरोना संकट के कारण 197997 श्रद्वालु ही बदीनाथ पहुंचे, जबकि कोरोना महामारी पर नियंत्रण के बाद विगत वर्ष 2022 में 1763549 श्रद्वालु बद्रीनाथ धाम पहुंचे। इस बार शुरूआत में ही रिकार्ड पंजीकरण के साथ बड़ी संख्या में श्रद्वालु बदरीनाथ पहुंच रहे हैं।