WFI Suspended: खेल मंत्रालय ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय कुश्ती संघ (WFI) को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों पर भी रोक लगा दी गई है। खेल मंत्रालय के इस फैसले पर डबल्यूएफ़आई के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की पहली प्रतिक्रिया सामने आयी है। बृजभूषण ने कहा कि नई कार्यकारिणी इस मुद्दे पर सरकार से बात करेगी।
WFI Suspended: खेल मंत्रालय ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय कुश्ती संघ (WFI) को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों पर भी रोक लगा दी गई है। खेल मंत्रालय के इस फैसले पर डबल्यूएफ़आई (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) की पहली प्रतिक्रिया सामने आयी है। बृजभूषण ने कहा कि 12 साल तक कुश्ती के लिए मैने काम किया और मेरा रोल खत्म हो चुका है। अब जो नई फेडरेशन आ रही है कोर्ट जाना है या सरकार से बात करनी है वो ये तय करेंगे।
एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि खेल का वातावरण शुरू करना चाहते थे। मेरे काम का मूल्यांकन समय करेगा। समय खराब न हो, इसलिए चुनाव कराये गए। कोर्ट के आदेश पर चुनाव कराये गए थे। उन्होंने कहा, ‘सभी फेडरेशन के लोगों ने हाथ खड़ा कर दिया कि हम इसे नहीं चला सकते है. 15-20 साल के बच्चों का भविष्य खराब ना हो इसलिए इस टूर्नामेंट को नंदनीनगर में कराने का फैसला किया गया। चार दिन में टूर्नामेंट कराना था। हमारे पास नंदनीनगर में हमारा सारा इंफ्रास्ट्रक्चर है.सभी फेडरेशनों ने इस पर अपनी सहमति दी।
बृजभूषण ने आगे कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से ही सुप्रीम कोर्ट की निगरानी पर सरकार के आदेश से नई बॉडी का चुनाव हुआ है। अब क्या करना है, क्या नहीं ये नई बॉडी को तय करना है। वह नए पदाधिकारियों से चाहूंगा कि अपने ऑफिस का चुनाव कर लें। उन्होंने आगे कहा कि मैं कुश्ती से संन्यास ले चुका हूँ। पूर्व अध्यक्ष के नाते में मैं बैठक में गया था। 12 साल तक कुश्ती के लिए मैने काम किया और मेरा रोल खत्म हो चुका है। लोकसभा का चुनाव आ रहा है उसकी तैयारी करनी है। अब जो नई फेडरेशन आ रही है कोर्ट जाना है या सरकार से बात करनी है वो ये तय करेंगे।
बता दें कि, संजय सिंह को बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह का करीबी माना जाता है। वे गुरुवार को ही कुश्ती संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद से ही महिला पहलवानों की तरफ से लगातार विरोध किया जा रहा था। महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया, जबकि बजरंग पुनिया ने पद्म श्री को लौटने का एलान कर दिया था।