कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच बच्चों की वैक्सीन पर भी तेजी से काम चल रहा है। भारत बायोटेक ने बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल जून में ही शुरू कर दिया है। जल्द ही ट्रायल में शामिल बच्चों को वैक्सीन की दूसरी डोज भी दी जाने की तैयारी हो रही है।
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच बच्चों की वैक्सीन पर भी तेजी से काम चल रहा है। भारत बायोटेक ने बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल जून में ही शुरू कर दिया है। जल्द ही ट्रायल में शामिल बच्चों को वैक्सीन की दूसरी डोज भी दी जाने की तैयारी हो रही है।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली एम्स में ट्रायल के दौरान शामिल हुए 6 से 12 साल के बच्चों को कोवैक्सीन की दूसरी डोज दे दी गई है। वहीं, अगले हफ्ते 2 से 6 साल के बच्चों को दूसरी डोज दे दी जाएगी। इसी महीने के आखिर में अंतरिम रिपोर्ट आने की उम्मीद है, जिससे मोटे तौर पर पता चल जाएगा कि वैक्सीन बच्चों पर कितनी असरदार है।
तीसरी लहर की चेतावनी के बीच 12 मई को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने कोवैक्सीन को बच्चों पर ट्रायल की सिफारिश की थी। इसके बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने ट्रायल को मंजूरी दी।
ये ट्रायल देश के कुल 525 बच्चों पर किया जा रहा है। इनमें 175-175 बच्चों के तीन ग्रुप बनाए गए हैं। पहले ग्रुप में 12 से 18 साल की उम्र के 175 बच्चे शामिल हैं। दूसरे ग्रुप में 6 से 12 साल की उम्र के 175 बच्चे और तीसरे ग्रुप में 2 से 6 साल की उम्र के 175 बच्चों को शामिल किया गया है।
इन बच्चों को 28-28 दिन के गैप पर वैक्सीन के दो डोज दी जानी थी। इसके बाद नतीजों के आधार पर ही बच्चों पर इसके इस्तेमाल की मंजूरी दी जाएगी। एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सितंबर तक बच्चों की वैक्सीन आने की संभावना जताई थी। न सिर्फ भारत बायोटेक, बल्कि जायडस कैडिला की वैक्सीन का भी बच्चों पर ट्रायल चल रहा है।