कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, आज जो मोदी सरकार विधेयक लाई है, उसको गौर से देखने की ज़रुरत है। विधेयक के मौजूदा प्रारूप में लिखा है कि ये Decadal Census और Delimitation के बाद ही लागू किया जाएगा। इसका मतलब, मोदी सरकार ने शायद 2029 तक महिला आरक्षण के दरवाज़े बंद कर दिए हैं। भाजपा को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
नई दिल्ली। लोकसभा में आज ‘नारी शक्ति वंदन’ बिल पेश हो गया है। इस बिल को कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लोकसभा में पेश किया। लोकसभा में इस बिल के पेश होने के बाद कई तरह की प्रक्रिया आ रही हैं। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट कर कहा कि, महिला आरक्षण विधेयक का हमने हमेशा से समर्थन किया है। 2010 में राज्य सभा में कांग्रेस-यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पास करवाया था। राजनीति में जिस प्रकार SC-ST वर्ग को संवैधानिक अवसर मिला है, उसी प्रकार OBC वर्ग की महिलाएं समेत सभी को इस विधयेक से सामान मौका मिलना चाहिए।
इसके साथ ही कहा कि, आज जो मोदी सरकार विधेयक लाई है, उसको गौर से देखने की ज़रुरत है। विधेयक के मौजूदा प्रारूप में लिखा है कि ये Decadal Census और Delimitation के बाद ही लागू किया जाएगा। इसका मतलब, मोदी सरकार ने शायद 2029 तक महिला आरक्षण के दरवाज़े बंद कर दिए हैं। भाजपा को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
महिला आरक्षण विधेयक का हमने हमेशा से समर्थन किया है।
2010 में राज्य सभा में कांग्रेस-यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पास करवाया था।
राजनीति में जिस प्रकार SC-ST वर्ग को संवैधानिक अवसर मिला है, उसी प्रकार OBC वर्ग की महिलाएं समेत सभी को इस विधयेक से सामान मौका मिलना चाहिए।… pic.twitter.com/1x0q9z6I4e
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— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 19, 2023
जयराम रमेश ने भी साधा निशाना
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी महिला आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, चुनावी जुमलों के इस मौसम में, यह सबसे बड़ा जुमला है! यह देश की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। हमने पहले भी बताया है कि मोदी सरकार ने अभी तक 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना नहीं की है। भारत G20 का एकमात्र देश है जो जनगणना कराने में विफल रहा है। अब कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद, जो पहली दशकीय जनगणना होगी, उसके उपरांत ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा। यह जनगणना कब होगी?
उन्होंने कहा कि, विधेयक में यह भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद प्रभावी होगा। क्या 2024 चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन हो जाएगा? यह विधेयक आज सिर्फ हेडलाइन बनाने के लिए है, जबकि इसका कार्यान्वयन बहुत बाद में हो सकता है। यह कुछ और नहीं बल्कि EVM – EVent Management है।