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Corona Crisis: आम आदमी का छीनता रहा रोजगार, कंपनियां होती रहीं मालामाल

Corona Crisis: देश में आई कोरोना महामारी (corona pandemic) लोगों के ऊपर आपदा बनकर बरसी। अपनों को खोने के साथ ही लाखों लोगों की नौकरी भी इस महामारी में छीन गई। EMI से लेकर घर का किराया देने के लिए लोग परेशान हो गए। लिहाजा, नौकरी गंवाने वाले ज्यादातर लोग कर्ज की बोझ में दब गए, जो आज भी इससे उबर नहीं पाए हैं।

By शिव मौर्या 
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Corona Crisis: देश में आई कोरोना महामारी (corona pandemic) लोगों के ऊपर आपदा बनकर बरसी। अपनों को खोने के साथ ही लाखों लोगों की नौकरी भी इस महामारी में छीन गई। EMI से लेकर घर का किराया देने के लिए लोग परेशान हो गए। लिहाजा, नौकरी गंवाने वाले ज्यादातर लोग कर्ज की बोझ में दब गए, जो आज भी इससे उबर नहीं पाए हैं।

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एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में 15 लाख भारतीयों ने अपनी नौकरी गंवाई है। इसमें 13 लाख ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग हैं। इसके साथ ही 77 प्रतिशत लोगों ने जुलाई में सोना गिरवी रखकर कर्ज मांगा है।

वहीं, इसके विपरित कंपनियों ने महामारी कॉल में रिकॉर्ड कमाई की है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक (reserve Bank) का शेयर बाजार में सूचीबद्ध 2610 कंपनियों पर किए विश्लेषण से पता लगा है कि तिमाही में मुनाफा बढ़कर 90,325 करोड़ हो गया, पिछले साल इसी अवधि में 2646 करोड़ घाटा था।

इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, विनिर्माण क्षेत्र की कपंनियों ने सबसे ज्यादा कमाई की है। 1,647 कंपनियों ने बिक्री में 75% की असाधारण वृद्धि दर्ज की है। पिछले वर्ष 41.1 फीसदी की गिरावट आई थी। इसके बाद भी अब कंपनियां निवेश नहीं कर रहीं। इसके साथ ही खुदरा लोन से अधिक कॉरपोरेट कर्ज मांगने वालों की संख्या रहती थी।

लेकिन जुलाई में कॉरपोरेट कर्ज मांगने वालों की संख्या जुलाई में महज 01% ही बढ़ी। वहीं, वाले खुदरा कर्ज की मांग 11.2% बढ़ गई। साथ ही बड़े कर्ज की मांग भी 2.9% कम रही। इसके साथ ही सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट की माने तो कृषि क्षेत्र में रोजगार नहीं मिलने पर लोग कम पैसे में भी मजदूरी करने को तैयार हैं। इसके साथ ही महिलाएं घरों में सेविकाएं और रसोइए का काम कर रही हैं। इसके साथ ही रियल स्टेट कारोबार पर भी इसका बड़ा असर पड़ा है।

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