Dhumavati Jayanti 2022 : हिंदू धर्म में माता दुर्गा की पूजा की जाती है। धूमावती माता को 10 महाविद्याओं में से एक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मान्यता है कि मां धूमावती का स्वरूप इतना उग्र है कि वे महाप्रलय के दौरान भी मौजूद रहती हैं। जब पूरा ब्रह्मांड नष्ट हो जाता है, काल समाप्त हो जाता है और स्वयं महाकाल भी अंतर्धान हो जाते हैं, चारोंं तरफ राख और धुआं ही नजर आता है, तब भी मां धूमावती वहां अकेली ही मौजूद रहती हैं।हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को धूमावती जयंती मनाई जाती है। इस बार यह तिथि 8 जून दिन बुधवार को इस बार धूमावती जयंती मनाई जाएगी। भगवान शिव के द्वारा प्रकट की गई दस विघाओं में यह सातवीं महाविद्या हैं। इनका निवास ज्येष्ठा नक्षत्र में है। इनका दूसरा नाम अलक्ष्मी भी है। इन्हें मां पार्वती का सबसे डरावना स्वरूप माना जाता है। इनकी पूजा से दरिद्रता और रोग दोनों दूर होते हैं।
मां धूमावती
मां धूमावती को मां पार्वती का उग्र स्वरूप माना जाता है. यह विधवा, कुरूप, खुले हुए बालों वाली, दुबली पतली, सफेद साड़ी, पहनने वाली रथ पर सवार रहती हैं।
इन मंत्रों का करें जाप
ॐ धूं धूं धूमावत्यै फट्
धूम्रा मतिव सतिव पूर्णात सा सायुग्मे
सौभाग्यदात्री सदैव करुणामयि:
धूं धूं धूमावती ठ: ठ: