विजयादशमी का पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। इसे दशहरा भी कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन इस महापर्व को मनाया जाता है।
Dussehra 2023 : विजयादशमी का पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। इसे दशहरा भी कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन इस महापर्व को मनाया जाता है। दशहरा पर्व शारदीय नवरात्र के बाद अश्विन माह की दशमी तिथि के दिन होता है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त के बारे में।इस बार दशमी तिथि 23 अक्टूबर को शाम में 5.44 से शुरू होगी और इसका समापन 24 अक्टूबर को दोपहर 3.14 मिनट पर होगा। इस हिसाब से उदया तिथि के अनुसार 24 अक्टूबर को दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा।
शुभ योग
इस साल दशहरा पर्व पर दो शुभ योग बन रहा है. बता दें कि इस दिन रवि योग सुबह 6 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3.38 तक रहेगा. इसके बाद दूसरा शुभ योग शाम 6.38 से शुरू होकर 25 अक्टूबर को सुबह 6.28 तक रहेगा, इसके अलावा बता दें कि दशहरा वृद्धि योग दोपहर 3.40 मिनट से शुरू होकर पूरी रात रहेगा।
इस त्योहार को रावण पर भगवान राम की जीत के रूप में मनाते हैं। रावण के पुतले, जो बुराई का प्रतीक हैं, आतिशबाजी के साथ जलाए जाते हैं। इस त्योहार को रावण पर भगवान राम की जीत के रूप में मनाते हैं।
परंपरा के अनुसार, क्षत्रिय, योद्धा एवं सैनिक इस दिन अपने अस्त्र शस्त्र की पूजा करते हैं। यह पूजा आयुध/शस्त्र पूजा के रूप में भी जानी जाती है। वे इस दिन शमी पूजन बहुत फलदायी माना जाता है। ब्राह्मण इस दिन माँ सरस्वती की पूजा करते हैं। वैश्य अपने बही खाते की आराधना करते हैं।