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Good News : उम्मीद से बेहतर रही भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार ,वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी जीडीपी

GDP Data : वित्त वर्ष 2022-23 (Financial Year 2022-23) में जीडीपी 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर जो डाटा दिया गया है। उसके मुताबिक, चौथी तिमाही में जीडीपी (GDP) की रफ्तार पिछली तिमाही की तुलना में तेज रही है। जनवरी-मार्च 2023 में भारत की यह 6.1 फीसदी दर्ज की गई है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

GDP Data : वित्त वर्ष 2022-23 (Financial Year 2022-23) में जीडीपी 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर जो डाटा दिया गया है। उसके मुताबिक, चौथी तिमाही में जीडीपी (GDP) की रफ्तार पिछली तिमाही की तुलना में तेज रही है। जनवरी-मार्च 2023 में भारत की यह 6.1 फीसदी दर्ज की गई है।

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सरकार ने जीडीपी के आंकड़े जारी डाटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में यह 9.1 फीसदी रही थी। नए आंकड़े आरबीआई के अनुमान के मुताबिक हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसके 7 फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी।

चौथी तिमाही भी अनुमान से बेहतर

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर जो डाटा दिया गया है, उसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी या चौथी तिमाही में GdP Growth पिछली तिमाही की तुलना में ज्यादा रही है। जनवरी-मार्च 2023 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी रही है। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर ये सरकार के लिए अच्छी खबर है। जीडीपी के जो आंकड़े सामने आए हैं वो विश्लेषकों के पूर्वानुमान से भी बेहतर रहे हैं। कई रिपोर्ट्स में इसके 4.9 से 5.5 रहने का अनुमान जाहिर किया गया था।

आरबीआई गवर्नर ने कही थी बड़ी

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बात बीते सप्ताह ही भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी जीडीपी ग्रोथ को लेकर अनुमान जाहिर किया था। उन्होंने कहा था कि हमें बिल्कुल भी सरप्राइज नहीं होना चाहिए। अगर भारत की GDP Growth Rate 7 फीसदी से अधिक दर्ज की जाती है। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक, इस बात की पूरी संभावना है कि पिछले वित्त वर्ष की जीडीपी वृद्धि दर अनुमान से अधिक दर्ज की जा सकती है।

क्या होती है जीडीपी ?

GDP के आंकड़े किसी भी देश के लिए बेहद जरूरी डाटा होता है। दरअसल, ये देश की इकोनॉमी की पूरी तस्वीर दिखाते हैं। जीडीपी दो तरह की होती है, पहली Real GDP और Nonimal GDP। रियल जीडीपी में गुड्स एंड सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। जीडीपी के आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी किए जाते हैं।

इतना रहा राजकोषीय घाटा

जीडीपी के आंकड़ों के साथ ही राजकोषीय घाटे का डाटा भी जारी किया गया है। केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत रहा। वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान में भी राजकोषीय घाटा इतना ही रहने का लक्ष्य रखा गया था। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने केंद्र सरकार के 2022-23 के राजस्व-व्यय का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि मूल्य के हिसाब से राजकोषीय घाटा 17,33,131 करोड़ रुपये (अस्थायी) रहा है। सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए बाजार से कर्ज लेती है।

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