भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel ) ने सोमवार को गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री (17th chief minister of Gujarat) के रूप में शपथ ले लिया है। भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel ) को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत (Gujarat Governor Acharya Devvrat) ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत,हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपणी आदि मौजूद थे।
गांधीनगर। भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel ) ने सोमवार को गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री (17th chief minister of Gujarat) के रूप में शपथ ले लिया है। भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel ) को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत (Gujarat Governor Acharya Devvrat) ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत,हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपणी आदि मौजूद थे।
भूपेंद्र पटेल इस वक्त अहमदाबाद की घाटलोदिया सीट से विधायक हैं। वे 2017 में पहली बार विधायक बने थे। उनसे पहले इसी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने भी चुनाव जीता था। पटेल कडवा पाटीदार समुदाय का प्रतिनधित्व करते हैं। भूपेंद्र पटेल सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं।
राजनीति में पूरी तरह एंट्री से पहले वे अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (AUDA) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। बताया जाता है कि गुजरात की मुख्यमंत्री रहते हुए आनंदीबेन पटेल ने खुद उनका समर्थन किया था। बाद में जब आनंदीबेन पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, तो उन्होंने अपनी सीट से भूपेंद्र पटेल को चुनाव लड़ाने का समर्थन भी किया था। इतना ही नहीं जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे, तब 1999-2001 के बीच पटेल अहमदाबाद नगरपालिका की स्टैंडिंग कमेट के अध्यक्ष रहे, जबकि 2008-10 के बीच वे अहमदाबाद नगरपालिका स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे।
2010 से 2015 के दौरान वे अहमदाबाद के ही थालतेज वार्ड से पार्षद भी रह चुके हैं। भूपेंद्र पटेल ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के शशिकांत पटेल को हराया था। इसे लेकर रोचक किस्सा यह है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद आनंदीबेन के कहने पर ही उन्हें टिकट दिया गया था। पटेल ने यह चुनाव एक लाख 17 हजार से ज्यादा मतों से जीता था।