सनातन धर्म में योग और मुहूर्त का बहुत महत्व है। मान्यता है कि ग्रह नक्षत्रों के विचित्र संयोग का असर जीवन और कार्यों पर पड़ता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आज साल का दूसरा गुरु पुष्य नक्षत्र योग है।
Guru Pushya Nakshatra 2023 : सनातन धर्म में योग और मुहूर्त का बहुत महत्व है। मान्यता है कि ग्रह नक्षत्रों के विचित्र संयोग का असर जीवन और कार्यों पर पड़ता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आज साल का दूसरा गुरु पुष्य नक्षत्र योग है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है। आज गुरु पुष्य नक्षत्र योग की शुरुआत सुबह 6 बजकर 59 मिनट से हो चुकी है और इसकी समाप्ति 28 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर होगी। धर्म शास्त्रों के अनुसार पुष्य नक्षत्र में ही धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार के दिन पड़ता है तो इसे गुरु पुष्यामृत योग (Guru Pushya Amrit Yog 2023) कहते हैं।
गुरु पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदें
गुरु पुष्य नक्षत्र योग में स्वर्ण खरीदना शुभ माना जाता है। क्योंकि गुरु की कारक धातु सोना है। अगल सोना नहीं खरीद सकते तो पीतल या चांदी की चीजें खरीदें।
इस नक्षत्र में वाहन, भूमि, भवन और बहीखाते खरीदना शुभ होता है।
इस दिन घर निर्माण का कार्य शुरू करना शुभ माना जाता है।