नवग्रहों में मंगल का विशेष स्थान है। धर्म ग्रंथों में इस ग्रह को देवताओं का सेनापति कहा गया है। जिस व्यक्ति के जीवन में मंगल दोष होता है उसे कई कठनाईयो का सामना करना परता है। जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के 1, 4, 7, 9, 12वें स्थान या भाव में मंगल स्थित हो तो वह व्यक्ति मांगलिक होता है।
कौन होते हैं मांगलिक?
कुंडली में कई प्रकार के दोष बताए गए हैं, इन्हीं दोषों में से एक है मांगलिक दोष, यह दोष जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है वह मांगलिक कहलाता है जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के 1, 4, 7, 9, 12वें स्थान या भाव में मंगल स्थित हो तो वह व्यक्ति मांगलिक होता है।
मांगलिक लोगों की खास बातें
मांगलिक होने का विशेष गुण यह होता है कि मांगलिक कुंडली वाला व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को पूर्णनिष्ठा से निभाता है। कठिन से कठिन कार्य वह समय से पूर्व ही कर लेते हैं, नेतृत्व की क्षमता, उनमें जन्मजात होती है, ये लोग जल्दी किसी से घुलते-मिलते नहीं परन्तु जब मिलते हैं तो पूर्णतः संबंध को निभाते हैं, अति महत्वकांक्षी होने से इनके स्वभाव में क्रोध पाया जाता है परन्तु यह बहुत दयालु, क्षमा करने वाले तथा मानवतावादी होते हैं, गलत के आगे झुकना इनको पसंद नहीं होता और खुद भी गलती नहीं करते।
ये लोग उच्च पद, व्यवसायी, अभिभावक, तांत्रिक, राजनीतिज्ञ, डॉक्टर, इंजीनियर सभी क्षेत्रों में विशेष योग्यता प्राप्त करते हैं।
क्या मांगलिक की शादी गैर मांगलिक से हो सकती है?
मांगलिक लड़के और लड़की की शादी को लेकर समाज में बहुत सारे अंधविश्वास फैले हुए हैं। इसलिए लड़का या लड़की अगर मांगलिक हो तो माता-पिता के लिए उनकी शादी परेशानी का सबब बन जाती है। लेकिन आचार्य सचिन साबेसाची का कहना है कि लड़का और लड़की अगर मांगलिक हैं तो राहु, केतु और शनि की स्थिति पर निर्भर करता है कि शादी गैर मांगलिक से होगी या नहीं। लड़का अगर मांगलिक है तो उसकी शादी उस गैर मांगलिक लड़की से हो सकती है जिसके राहु, केतु और शनि दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें और बाहरवें भाव में बैठे हों, लेकिन अगर राहु, केतू और शनि इन भावों में नहीं हैं तो उसकी शादी मांगलिक से नहीं हो सकती। यूं तो ऐसे जातक का उपाय तो कुछ नहीं है लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि 28 साल के बाद मंगल का प्रभाव खत्म हो जाता है।