प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में जी20 की अध्यक्षता समेत कई मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि, विकसित भारत में जातिवाद, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता का कोई स्थान नहीं होगा। साथ ही कहा कि, जी20 अध्यक्षता से कई सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं। 'सबका साथ, सबका विकास' भी विश्व कल्याण के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में जी20 की अध्यक्षता समेत कई मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि, विकसित भारत में जातिवाद, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता का कोई स्थान नहीं होगा। साथ ही कहा कि, जी20 अध्यक्षता से कई सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं। ‘सबका साथ, सबका विकास’ भी विश्व कल्याण के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है। भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा, हमारे राष्ट्रीय जीवन में भ्रष्टाचार, जातिवाद और साम्प्रदायिकता का कोई स्थान नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि, भारतीयों के पास आज विकास की नींव रखने का शानदार मौका है जिसे अगले हजारों वर्षों तक याद रखा जाएगा। उन्होंने दावा किया, भारत निकट भविष्य में दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा। उन्होंने कहा कि गैरजिम्मेदार आर्थिक नीतियों और लोक-लुभावन नीतियों से कम वक्त में राजनीतिक फायदा मिल सकता है लेकिन लंबे समय में इसकी बड़ी आर्थिक और सामाजिक कीमत चुकानी पड़ती है। इनकी वजह से गरीब लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है।
इसके साथ ही पीएम ने कहा कि, लंबे समय से भारत को एक अरब भूखे पेटों वाले देश के तौर पर देखा जाता है लेकिन आज यह एक अरब आकांक्षी दिमागों और दो अरब कुशल हाथों वाला देश है।’ जी20 की अध्यक्षता को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 की अध्यक्षता मिलने से भारत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इनमें से कुछ मेरे दिल के बेहद करीब हैं। गैरजिम्मेदार आर्थिक नीतियों और लोक-लुभावन नीतियों से कम वक्त में राजनीतिक फायदा मिल सकता है लेकिन लंबे समय में इसकी बड़ी आर्थिक और सामाजिक कीमत चुकानी पड़ती है। इनकी वजह से गरीब लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि, भारत की G20 प्रेसीडेंसी की थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम’ सिर्फ नारा नहीं बल्कि हमारे सांस्कृतिक लोकाचार से प्राप्त व्यापक दर्शन है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि फर्जी खबरें और डीप फेक अराजकता फैला सकती हैं और साथ ही इससे समाचार स्त्रोतों की विश्वसनीयता भी खो सकती है। इससे सामाजिक तौर पर अशांति फैल सकती है। कर्ज संकट दुनिया के लिए गंभीर संकट है और खासकर विकासशील देश इससे ज्यादा प्रभावित हैं। हम जी20 अध्यक्ष रहें या ना रहें, हम दुनिया भर में शांति स्थापित होने का समर्थन करते रहेंगे।