नई दिल्ली। इसरो (ISRO) के सौर मिशन आदित्य एल1 (Solar Mission ‘Aditya L-1’) एक उपलब्धि हासिल की है। बता दें कि आदित्य एल1 (Aditya L-1) पर लगे दो उपकरणों ने सूर्य की सतह से उठने वाले सौर तूफान की घटना को कैमरे में कैद किया है। इसरो (ISRO) ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। इन सौर तूफानों (Solar Storm) का पृथ्वी पर भी असर होता है। हालांकि अभी तक वैज्ञानिक इस बात का पता नहीं लगा सके हैं कि सूर्य की सतह से उठने वाले इन सौर तूफानों (Solar Storm) का कारण क्या है।
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आदित्य एल1 (Aditya L-1) पर लगे उपकरण द सोलर अल्ट्रा वॉयलेट इंमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) और अन्य उपकरण द विजिबल एमीशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) ने सूरज की सतह से उठे सौर तूफान (Solar Storm) को कैमरे में कैद किया। इसरो (ISRO) ने बताया कि मई 2024 को आदित्य एल1 पर लगे उपकरणों ने सौर तूफान (Solar Storm) को कैमरे में कैद किया था।
Aditya-L1 Mission:
SUIT and VELC instruments have captured the dynamic activities of the Sunduring May 2024. Several X-class and M-class flares, associated with coronal mass ejections, leading to significant geomagnetic storms were recorded.
and details:… pic.twitter.com/Tt6AcKvTtB पढ़ें :- एलन मस्क के 'ट्रंप कार्ड' से भारत में आज आधी रात बाद बदल जाएगी इंटरनेट-ब्रॉडबैंड की दुनिया, ISRO व SpaceX लांच करेंगे GSAT-N2
— ISRO (@isro) June 10, 2024
इसरो ने बताया कि सूरज की सतह से विशाल तरंगे उठती हैं, इसे कोरोनल मास इजेक्शन (CME) या सौर तूफान भी कहा जाता है। ये तरंगे छोटी, मध्यम और विशाल आकार की होती हैं। माना जाता है कि सूर्य पर मौजूद चुंबकीय क्षेत्र की वजह से ये सौर तूफान उठते हैं।
विशाल आकार की तरंगों का पृथ्वी पर भी असर होता है और कई बार इनकी वजहों से पृथ्वी पर पूरा संचार तंत्र और सैटेलाइट, ऊर्जा ग्रिड आदि पर असर हो सकता है और इन चुंबकीय तरंगों के असर से ये तबाह हो सकते हैं। आदित्य एल1 (Aditya L-1) ने जो सौर तूफान कैमरे में कैद किया, वह विशाल और मध्यम आकार का था। यह घटना 8 और 9 मई को दर्ज की गई और इसके असर से 11 मई को बड़ा चुंबकीय तूफान दर्ज किया गया। इसरो ने सौर तूफान (Solar Storm) की ये तस्वीरें 17 मई को जारी की थीं।
बीते साल इसरो ने लॉन्च किया था आदित्य एल1 मिशन
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इसरो (ISRO) ने अपने पहले सौर मिशन आदित्य एल1 (Solar Mission ‘Aditya L-1’) को सितंबर 2023 में लॉन्च किया था। करीब 127 दिन का सफर करने के बाद आदित्य एल1 (Aditya L-1) अंतरिक्षयान इस साल जनवरी में लैंग्रेजियन पॉइंट (Langrangian Point) पर पहुंचा। लैंग्रेजियन पॉइंट पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित है। लैंग्रेजियन पॉइंट (Langrangian Point) की खास बात ये है कि इस जगह से सूर्य पर लगातार नजर रखी जा सकती है।