व्रतों में श्रेष्ठ एकादशी व्रत सनातन धर्म में बहुत महत्व है।एकादशी व्रत के बारे में धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के करने से मोक्ष की प्राप्ति होती।
Jaya Ekadashi 2022 : व्रतों में श्रेष्ठ एकादशी व्रत सनातन धर्म में बहुत महत्व है।एकादशी व्रत के बारे में धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के करने से मोक्ष की प्राप्ति होती। भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत का भक्त गण निराहार और निर्जल रहकर पालन करते है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत के दिन नारायण भगवान पूजा और दान का विशेष महत्व है।हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी व्रत रखा जाता है। इस बार जया एकादशी 12 फरवरी को है।
जया एकादशी व्रत को व्रत करने से मोक्ष मिलता है यानी दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता। इसलिए इसे अजा और जया कहा जाता है। कुछ ग्रंथों में इसे भीष्म एकादशी भी कहा गया है। इस तिथि के तीन दिन पहले ही यानी अष्टमी तिथि पर भीष्म पितामह ने प्राण त्यागे थे और एकादशी तिथि पर उनके निमित्त उत्तर कार्य किया गया था।
विष्णु पूजा में पंचामृत एवं तुलसी के पत्तों का प्रयोग जरूर करना चाहिए। हालांकि व्रत से एक दिन पूर्व तुलसी का पत्ता तोड़कर रख लें क्योंकि एकादशी को तुलसी का पत्ता तोड़ने से दोष लगता है।