: मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को एक और मादा चीते तिबलिश की जान चली गई। बताया जा रहा है कि मादा चीते की बीते दो दिनों से लोकेशन नहीं मिल रही थी। लिहाजा अब उसकी मौत की खबर आई है।
Kuno National Park: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को एक और मादा चीते तिबलिश की जान चली गई। बताया जा रहा है कि मादा चीते की बीते दो दिनों से लोकेशन नहीं मिल रही थी। लिहाजा अब उसकी मौत की खबर आई है।
मादा चीते की जान कैसे गई है इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है? कुछ ही दिनों में श्योपुर नेशनल पार्क में छह चीते और तीन शावकों की जान जा चुकी है। अब कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में 14 चीते और एक शावक बचा है। गौरतलब है कि, बीते कुछ दिनों पहले कूनों नेशनल पार्क में एक मेल चीते सूरज की कॉलर आई में संक्रमण की वजह से मौत हो गई थी।
जांच रिपोर्ट में चीते सूरज के गले में घाव और घाव में कीड़े होने की बात सामने आई थी। बता दें कि, कूनों नेशनल पार्क में लगातार हो रहे चीतों की मौत को लेकर विभाग काफी परेशान है। कई लोगों का ऐसा मानना है कि कूनो पार्क में चीतों की लगातार हो रही मौत देश में चलाए जा रहे प्रोजेक्ट चीता को झटका भी लगा है। दरअसल प्रोजेक्ट चीता के जरिए देश में विलुप्त हो चुके चीतों को ना सिर्फ बसाने की योजना है बल्कि इनकी आबादी को भी बढ़ाने की योजना सरकार ने बनाई है। इसी प्रोजेक्ट के तहत इन चीतों को नामीबिया से भारत लाकर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था।